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अकोला : सहस्रों हिन्दुआें ने की प्रस्तावित अलवाफी पशुवधगृह की अनुमति निरस्त करने की मांग

महाराष्ट्र में, गोहत्या प्रतिबंधक कानून होते हुए भी मांगों के लिए मोर्चा निकालना पड़े, अत्यंत दुर्दैवी !

अकोला में मोर्चेद्वारा सहस्रों की संख्या में उपस्थित जनसमुदाय की मांग

मोर्चे में सम्मिलित जनसमुदाय
मोर्चे में सम्मिलित जनसमुदाय

अकोला : जैनों की काशी, बाळादेवी संस्थान तथा संत गजानन महाराज के दर्शन हेतु शेगाव जानेवाले मार्ग पर प्रस्तावित अलवाफी पशुवधगृह का मोर्चा निकालकर निषेध किया गया तथा इस पशुवधगृह का प्रस्ताव निरस्त करने की मांग भी की गई। जैन साध्वी प.पू. प्रीतीधर्माश्रीजी अधिठाणा सात तथा प.पू. स्थानकवासी विशुद्धिजी महासती अधिठाणा चार के नेतृत्व में मोर्चा निकला गया।

इस अवसर पर विविध सामाजिक तथा धार्मिक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता सहस्रों की संख्या में उपस्थित थे। जैन मंदिर से निकली फेरी जिलाधिकारी कार्यालय पर समाप्त हुई। इस अवसर पर निवासी उपजिलाधिकारी श्री. श्रीकांत देशपांडे को ज्ञापन दिया गया तथा सरकार को आंदोलन की जानकारी देने की विनती की गई।

सैकडों गोवंशियों की हत्या होने का भय !

ऐसा भय व्यक्त किया जा रहा है कि, ‘प्रस्तावित पशुवधगृह में प्रतिदिन ६८ सहस्र किलो मांस पर प्रक्रिया होगी एवं इसके लिए सैकडो गोवंशियों की हत्या की जाएगी। पशुवधगृह को बालापुर नगरपरिषद की साधारण सभा में अनुमति दी गई है। पशुवधगृहद्वारा शासन से केवल मुर्गियों, वृद्ध भैंसों तथा बकरों का व्यवसाय करने के संदर्भ में अनुज्ञप्ति मांगी गई है; परंतु वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऐसे जानवर अत्यल्प हैं एवं गोवंशियों की ही हत्या होने का भय अधिक है !

यह पशुवधगृह पर्यावरण तथा नागरिकों की धार्मिक एवं सांस्कृतिक भावनाओं को आहत करनेवाला है। इसलिए अनुमति निरस्त करने की मांग की जा रही है। (जो बात समाज को समझती है, वह शासन क्यों नहीं समझती ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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