पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू को झूठे आरोप लगाकर कारागृह में रखने के ‘काले दिन’ को ३ वर्ष पूरे !
संतश्री आसारामजी बापू प्रेरित युवा सेवा संघ की ओर से आंदोलन !
पुणे : पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापूजी का सामाजिक कार्य एवं उनकी आयु आदि ध्यान में न लेकर किसी भी प्रमाण के बिना उनको बंधक बनाया जाता है, यह इस देश का बड़ा दुर्भाग्य है !
यह विरोध सभा केवल पू. बापूजी पर हुए आरोपों के विरोध में नहीं, अपितु आज समाज में फैलाए गए समस्त बुद्धिभेद के वातावरण के विरोध में है। अन्वेषण यंत्रणाओं की असफलता को छिपाने के लिए पू. बापूजी के विरोध में रचा गया यह अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र है तथा उसकेद्वारा उनके सांस्कृतिक कार्यपर कीचड उछाला गया है। यह अन्याय है तथा हमें इस धर्मकार्य में अल्प समय निकालकर सम्मिलित होना चाहिए। साधु-संत तो अखिल मानवजाति के होते हैं; अतः हमें उनके साथ रहना चाहिए। जब तक पू. बापूजी को न्याय नहीं मिलता, तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा तथा उसे अत्यधिक तीव्रता के साथ करेंगे। धर्मजागरण समिति के अधिवक्ता श्री. प्रशांत यादव ने यह प्रतिपादन किया।
यहां के डेक्कन जिमखाना के गुडलक चौक में २८ अगस्त को पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू को झूठे आरोप लगाकर कारागृह में रखने के ‘काले दिन’ को ३ वर्ष पूरे होने के कारण संतश्री आसारामजी बापू प्रेरित युवा सेवा संघ की ओर से आंदोलन किया गया था। उसमें वे बोल रहे थे। इस आंदोलन का समापन ‘वंदे मातरम्’ इस गीत से किया गया।
मान्यवरोंद्वारा व्यक्त किए गए विचार ….
पूज्य बापूजी की निर्दोष मुक्ती करने की मांग को लेकर आंदोलन ! – श्री. अमोल कुलकर्णी
पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू को ३१ अगस्त २०१३ की रात जोधपुर पुलिस ने कथित विनयभंग के आरोप में बंधक बनाया। पुलिस में प्रविष्ट परिवाद में बलात्कार का उल्लेख न होते हुए भी प्रसारमाध्यमों ने उनका अपप्रचार किया। उनपर आरोप करनेवाली लडकी के वैद्यकीय परीक्षण ब्यौरे में विनयभंग अथवा बलात्कार का न होना सिद्ध हुआ है। उनके विरोध में कोई प्रमाण न होते हुए भी उनको छोडा नहीं गया तथा उनको जमानत भी नहीं मिली। यह अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र है और उसे ध्वस्त कर उन्हें निर्दोष मुक्त करने की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है।
पक्षपाती प्रसार माध्यम पूजनीय बापूजी की मानहानि कर रहे हैं ! – श्री. योगेश डिंबळे
महिलाओं पर अत्याचार करने के आरोप में, तहलका के पत्रकार तरुण तेजपाल एवं गोवा के एक विधायक को सहजता से जमानत मिलती है; परंतु निष्पाप संतों को बंधक बनाए जाने के ३ वर्ष पश्चात भी उनको जमानत नहीं मिलती ! पूज्य बापूजी के संदर्भ में भी यह शोकांतिका है। आज की प्रसारमाध्यमें पूजनीय बापूजी की मानहानि कर रहे हैं। इस आंदोलन को हिन्दू जनजागृति समिति का पूरा समर्थन है।
क्षणिका : आंदोलन के समय कुछ गणवेशधारी, तो कुछ सादे वेश में पुलिस कर्मचारी उपस्थित थे। (पुलिस ने यही समय यदि आतंकियों का मूल खोजने के लिए दिया होता, तो वह अधिक योग्य होता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात