Menu Close

मुसलमान आरोपियों को बंधक बनाकर रखनेवाले आतंकवाद विरोधी दल के कार्यवाही की स्वतंत्ररूप से जांच की जाए ! – शरद पवार

अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करने के लिए शरद पवारद्वारा की गई मांग

  • साध्वी प्रज्ञासिंह, कर्नल पुरोहित आदि अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों को अनेक दिनोंतक कारागृह में बंधक बनाकर उनपर अत्याचार किए गए। उस समय उनके दल का शासन होते हुए भी क्या शरद पवार ने कभी ऐसी मांग की थी ?
  • शरद पवार पर यह आरोप लगाए जाते हैं कि, उन्होंने इसी आतंकवाद विरोधी दल के माध्यम से हिन्दुत्वनिष्ठों को जानबूझ कर मालेगाव बमविस्फोट के प्रकरण में फंसाने के आदेश दिए थे। उसपर वे क्यों नहीं बोलते ?

sharadpawar

संभाजीनगर : महाराष्ट्रसहित मराठवाडा में इसिस के संपर्क में होने के आरोप में आतंकवाद विरोधी दल ने मुसलमान युवकों को बंधक बनाने का सत्र आरंभ किया है। उनको बंधक बनाने के पश्‍चात २४ घंटों के भीतर न्यायालय के सामने उपस्थित न कर ४ दिनों से भी अधिक समय तक बंधक बनाकर रखा जा रहा है, साथ ही दल के अधिकारी उनपर अत्याचार कर रहे हैं। राज्य के ३५ अराजनीतिक मुसलमान संगठनोंद्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है।

अतः राज्यशासन को इसपर गंभीरता से विचार कर आतंकवाद विरोधी दलद्वारा की गई कार्यवाही की स्वतंत्ररूप से जांच करनी चाहिए। ऐसी मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने यहां आयोजित पत्रकार परिषद में की।

आतंकवाद विरोधी दलद्वारा विशेष रूप से शिक्षित युवकों को निष्कारण ही फंसाया जा रहा है, यह आरोप लगानेवाले निवेदन मुसलमान संगठनों ने शरद पवार को सौंपे। उस समय वे बोल रहे थे। (अभीतक जिन आतंकियों को पकडा गया है, वे सभी उच्चशिक्षित ही थे। यहां शिक्षित होने का संबंध ही क्या है ? हिन्दुओं, जिहादी आतंकप्रेमी राजनेताओं की इन भुलावे भरी बातों में न आएं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

इस समय पवार ने कहा कि, कोपर्डी बलात्कार एवं निर्मक हत्या के पश्‍चात राज्य में निकल रही फेरियां सामूहिक प्रतिक्रियाएं हैं तथा उसका एट्रोसिटी कानून से होनेवाले संबंध की जांचकर यदि आवश्यक हुआ, तो इस कानून में सुधार किया जाना चाहिए। कुछ अवकाश प्राप्त पुलिस अधिकारियों ने इस कानून का दुरुपयोग किए जाने की बात कही थी।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *