ईसाई मिशनरियोंद्वारा होनेवाले हिन्दुओं के धर्मपरिवर्तन का कार्य रोकने के कारण ही मेरे विरोध में षड्यंत्र रचा कर मिथ्या अपराध में मुझे फंसाया गया है ! – पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू
जोधपुर : कथित लैंगिक शोषण के आरोपों के अंतर्गत पिछले ३ वर्षं से बंदी बनाए गए पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू प्रतिदिन यहां के न्यायालय में अभियोग चलाने हेतु आ रहे हैं। ऐसे समय एक दैनिक के वार्ताकारद्वारा पूछे गए प्रश्न को उत्तर देते हुए पू. बापू ने कहा कि, ईसाई मिशनरियोंद्वारा होनेवाले हिन्दुओं के धर्मपरिवर्तन का कार्य रोकने के कारण ही मेरे विरोध में षड्यंत्र रचा कर मिथ्या अपराध में मुझे फंसाया गया है। उन्होंने इस आरोप का पुनरुच्चार किया।
पू. बापू ने आगे कहा कि…
१. जिसे मेरी सच्चाई ज्ञात है, वे आज भी मेरे पक्ष में खडे हैं। मेरे साथ ईश्वर है।
२. मैंने किसी साक्षी अथवा आरोप लगानेवाले को धमकाया नहीं है। सभी की साक्ष्य हो गई है। अब उन्हें धमका कर क्या मिलेगा ?
३. मेरे भक्त एवं समर्थक शांति से मुझे मिलने एवं देखने हेतु यहां आते हैं; परंतु पुलिस उन्हें मार कर भगा देती है, उन पर लाठीप्रहार करती है तथा आगे जाकर उन पर उलटा मारपीट करने का आरोप लगाती है। (हिन्दुओ, पुलिस के हिन्दूद्वेष को जानें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
४. मैं शीघ्र ही इस से मुक्त हो जाऊंगा। झूठ का कालावधि बढ गया है; परंतु अंतिम विजय सत्य की ही होगी। उपचार न मिलने से इस कालावधि में स्वास्थ्य बिगडता रहता है।
५. यद्यपि मैं यहां अकेला हूं, तब भी मैं ईश्वर का अधिकाधिक ध्यान करता रहता हूं। उसीप्रकार यहां अनेक कैदी होने से मैं अकेला भी नहीं हूं। कैदी एवं कारागृह के कर्मचारी ही मेरा परिवार है।
६. राम जेठमलानी, कपिल सिब्बल तथा सुब्रह्मण्यम स्वामी के साथ अनेक लोगों ने मुझे मुक्त करने हेतु प्रयास किए; परंतु मुझे आशा है कि मुझे न्याय मिलेगा।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात