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बंगाल : मुहर्रम के कारण श्री दुर्गादेवी की मूर्ति के विसर्जन के समय पर बंधन !

अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण !

निधर्मी राज्य में मुसलमानों के लिए हिन्दुओं के त्यौहारों पर सदैव बंधन डाले जाते हैं, यह हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद है !
• ऐसे लोगों को चुननेवाले हिन्दुओं के लिए यह एक दण्ड ही है ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात

ममता (बानो) बॅनर्जी का मुसलमानप्रेम !
ममता (बानो) बॅनर्जी

कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता (बानो) बॅनर्जी ने मुहर्रम के उपलक्ष्य में मुसलमानों के तुष्टीकरण के लिए श्री दुर्गादेवी की मूर्तियों का विसर्जन दशहरे के दिन दोपहर ४ बजे के अंदर तथा दूसरे दिन नहीं करना चाहिए, ऐसा ‘फतवा’ निकालकर हिन्दुओं की धार्मिक परंपराओं को पैरोंतले कुचलने का काम किया है, तो दूसरी ओर इससे संभावित हिन्दुओं के क्रोध को शांत करने के लिए राज्य के दुर्गा उत्सव मंडलों को अनुदान देने का लालच दिखाया है !

इस वर्ष बंगाल राज्य में हिन्दुओं का महत्त्वपूर्ण त्यौहार दुर्गापूजा एवं मुहर्रम एकसाथ आ रहे हैं। दशहरे के दिन ही दुर्गामूर्ति विसर्जन एवं मुहर्रम के ताजिए शोभायात्राद्वारा ले जाए जाएंगे। इस समय कोई सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न न हो; इसलिए मुख्यमंत्री ने पुलिस एवं दुर्गा मंडलों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर दुर्गा विसर्जन दशहरे के दिन अर्थात १२ अक्तूबर को दोपहर ४ बजे के पश्‍चात ना करने के साथ ही वह १२ अक्तूबर को भी न कर यह विसर्जन १३ अक्तूबर को करने के निर्देश दिए। ममता बॅनर्जी ने गतवर्ष भी इस प्रकार का आदेश दिया था। (ममता (बानो) बॅनर्जी ने मुसलमानों की इसी प्रकार की बैठक बुलाकर उनको मुहर्रम के समय में परिवर्तन करने का अनुरोध क्यों नहीं किया ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)

इससे हिन्दुओं के क्रोध का उद्रेक न हो; इसलिए उन्होंने करों में सुविधाएं, मंडलों को अनुमति देने हेतु एक खिडकी योजना, हर जनपद के महिला दुर्गा मंडलों को तथा गरीब मंडलों को प्रत्येक १० सहस्र रुपयों का अनुदान आदि सुविधाओं का लालच दिखाया गया है। साथ ही उन्होंने उत्सव में शांति बनाए रखने का आवाहन भी किया है। (इस प्रकार के आवाहन की आवश्यकता हिन्दुओं से अधिक धर्मांधों को है, यह मुख्यमंत्री की समझ में आना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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