पुणे – पर्यावरणपूरक खडिया मिट्टी से बनी मूर्तियों का पूजन घर-घर में हो । गणेशमूर्ति शास्त्रोक्त हो । मिट्टी की मूर्ति का शास्त्रोक्त पालन किया, तो पर्यावरण की रक्षा होनेवाली है । खडिया मिट्टी की मूर्ति में ही अधिकाधिक मात्रा में गणेशतत्त्व आकर्षित होता है । इस प्रकार की गणेशमूर्तियों के कारण समाज में सात्त्विक तरंगें उत्पन्न होकर मूर्ति की शास्त्रोक्त पूजा हो; इसलिए हमने गुरुजी फॉर ऑल से अनुबंध किया है । इसका संज्ञान सीधे जालस्थल से लिया जाता है । हिन्दू जनजागृति समिति एवं महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा किए गए जनजागरण के कारण श्री गणेश कला केंद्र की ओर से घरेलू गणेशमूर्तियोंसमेत सार्वजनिक गणेश मंडलों के लिए भी खडिया मिट्टी से बनी मूर्तियां उपलब्ध कराई जा रही हैं । श्री गणेश कला केंद्र के श्री. चैतन्य तागडे ने १ सितंबर को आयोजित पत्रकार परिषद में यह जानकारी दी । इस समय गुरुजी फॉर ऑल के सर्वश्री निकेत पुराणिक, अमित कोठावडे एवं तुषार जैन उपस्थित थे ।
श्री. चैतन्य तागडे ने कहा कि अभीतक हमने विविध आकार में ६० प्रकार की मूर्तियां सिद्ध की हैं तथा सनातन संस्था ने सात्त्विक गणेशमूर्तियों का महत्त्व विशद कर श्रद्धालुआें का मार्गदर्शन किया है । श्री गणेश कला केंद्र की ओर से प्लास्टर ऑफ पैरिस से बनी मूर्तियों के भाव में ही खडिया मिट्टी से बनी मूर्तियों की बिक्री की जानेवाली है ।
श्रद्धालुआें को अनुभवी एवं विद्वान गुरुजी मिलें, इस हेतु गुरुजी फॉर ऑल पोर्टल का प्रारंभ !
गुरुजी फॉर ऑल के श्री. निकेत पुराणिक एवं अमित कोठावडे ने कहा कि हमारी संस्कृति में अनेक त्यौहार, उत्सव एवं पूजा की प्रचुरता होती है । कई बार पूजा अथवा विधि करने के लिए अनुभवी एवं विद्वान पुरोहित उपलब्ध नहीं होते, उनके दिनांक नहीं मिलते तथा पुरोहितों को लोगोंतक पहुंचने हेतु अपने स्वयं के संपर्क में रहवाले लोगों पर ही निर्भर रहना पडता है । इसी समस्या को जानकर हमने गुरुजी फॉर ऑल पोर्टल का प्रारंभ किया है । इस पोर्टल पर अनुभवी एवं विद्वान पुरोहितों की जानकारी होगी । जब ग्राहक हमसे संपर्क करेंगे, तब उनकी आवश्यकता के अनुसार उनको अनुभवी एवं विद्वान पुरोहित उपलब्ध करा दिए जाएंगे । इस प्रक्रिया में ग्राहक एवं पुरोहितों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा । जिनको पुरोहितों की आवश्यकता हो, वो गुरुजी फॉर ऑल जालस्थल अथवा ७०२००९२०२० भ्रमणभाष क्रमांक पर संपर्क करें ।