नर्इ देहली : न्यायालय ने महेंद्र सिंह धोनी के विरुध्द धार्मिक भावनाएं आहत करने संबंधी दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
वर्ष २०१३ में बिजनेस टुडे मैगजीन के अप्रैल के अंक में पत्रिका के मुख्य पृष्ठ पर धोनी का भगवान विष्णु के रूप में छायाचित्र छपा थी जिसमें उन्हें हाथों में कई उत्पादों के साथ जूता पकड़े दिखाया गया था।
इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता जयाकुमार हिरेमथ ने आरोप लगाया था कि, धोनी पत्रिका के मुख्य पृष्ठ पर भगवान विष्णु के रूप में अपने हाथ में जूता पकड़े हुए दिखाए गए हैं और इससे लोगों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए बेंगलुरु के एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्टेट ने धोनी के विरुध्द एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने और अपमान करने के आरोप में आईपीसी की धारा २९५ आैर ३४ के अंतर्गत मामला दर्ज किया था।
इसके बाद धोनी ने बेंगलुरु की निचली न्यायालय के निर्णय को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसपर रोक लगाने से कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इंकार कर दिया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने याचिका की सुनवाई के दौरान धोनी को फटकार भी लगाई थी और कहा था कि, उन जैसी प्रसिध्द व्यक्ति को इस तरह के विज्ञापन करते समय धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए। इसके बाद धोनी ने उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर कर कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी।
स्त्रोत : अमर उजाला