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कृत्रिम तालाबों की अपेक्षा बहते पानी में ही गणेशमूर्तियों का विसर्जन करना चाहिए – श्री. पंकज बागुल, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दू जनजागृति समिति का ‘आदर्श गणेशोत्सव अभियान’

धुळे में शांतता समिति की बैठक में समिति का सहभाग

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धुळे : २ वर्ष पूर्व शासनद्वारा कृत्रिम तालाब का निर्माण किया था तथा उसमें डूबकर एक हिन्दू की मृत्यु हो गई थी ! प्रायः कृत्रिम तालाबों का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए। हिन्दू धर्मशास्त्र के अनुसार मूर्ति का विसर्जन बहते पानी में करने से मूर्ति में व्याप्त सात्त्विकता दूर-दूर तक पहुंचती है तथा इस वर्ष श्री गणेशजी की कृपा से बहता पानी भारी मात्र में उपलब्ध भी है !

हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पंकज बागुल ने २ सितंबर को ‘गणेशोत्सव एवं बकरी ईद’ की पार्श्वभूमि पर धुळे जनपद शांतता समिति की जिलाधिकारी कार्यालय के नियोजन सभागृह में आयोजित बैठक में ऐसा प्रतिपादन किया।

बैठक में, बाईं ओर से समिति का विषय प्रस्तुत करते हुए श्री. पंकज बागुल, अप्पर अधीक्षक श्री. चंद्रकांत गवळी, महापौर श्रीमती कल्पना महाले एवं जिलाधिकारी श्री. दिलीप पांढरपट्टे
बैठक में, बाईं ओर से समिति का विषय प्रस्तुत करते हुए श्री. पंकज बागुल, अप्पर अधीक्षक श्री. चंद्रकांत गवळी, महापौर श्रीमती कल्पना महाले एवं जिलाधिकारी श्री. दिलीप पांढरपट्टे

इस समय जिलाधिकारी श्री. दिलीप पांढरपट्टे, महापौर श्रीमती कल्पना महाले, उपमहापौर श्री. अन्सारी, जनपद पुलिस अधिक्षक श्री. चैतन्य एस., अपर अधिक्षक श्री. चंद्रकांत गवळी, निवासी उपजिलाधिकारी श्री. तुकाराम हुलवळे, फादर विल्सन, मौलवी शकील, श्री. म.ना. जोशी, भाजपा के श्री. हिरामण अप्पा गवळी, श्री. संजय वर्मा, शिवसेना के श्री. महेशभाऊ मिस्त्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस के श्री. मिलिंद मुंदडा उपस्थित थे।

शिवसेना के श्री. महेश मिस्त्री ने कहा कि, अन्य धर्मियों के त्यौहार के समय इस प्रकार की अनुमति की मांग करने की आवश्यकता नहीं होती, तो केवल हिन्दुओं के त्यौहारों के संदर्भ में ही ये बंधन किस लिए ? बिजली का भारनियमन केवल हिन्दुओं के त्यौहारों के समय ही किया जाता है; परंतु अन्य धर्मियों के त्यौहारों के समय क्यों नहीं किया जाता ? बकरी ईद के २० दिन पश्‍चात भी दुर्गंध आती है !

हर समय केवल हिन्दुओं ने ही यह सब क्यों सहना चाहिए ? हमारा शासन होनेपर भी हिन्दुओं पर अन्याय, अत्यंत खेदजनक है ! हिन्दुओं के त्यौहारों पर होनेवाले बंधन हटा देने चाहिए।

भाजपा के श्री. हिरामण अप्पा ने कहा कि, शासन ने मंडलों को क्लोज्ड सर्किट कैमरे बिठाने का सुझाव दिया है; परंतु मंडलों के लिए ऐसा करना संभव नहीं है। प्रशासन ने ही इसका दायित्व लेना चाहिए !

अन्य विशेष…

१. हिन्दू एवं मुसलमान धर्मों में समानता विशद करनेवाला हिन्दुओं का घोर अज्ञान !

एक तथाकथित हिन्दुत्वनिष्ठ ने हिन्दू एवं मुसलमान धर्म समान कैसे हैं, इसके विषय में बताते हुए कहा कि, शिवजी ने अपने पुत्र का शिरच्छेद किया और उसके पश्‍चात उसके धड पर हाथी का सिर बिठा दिया गया। इसी प्रकार से पैगंबर के पुत्र का रूपांतरण बकरी में हुआ। उसकी बलि दी गई; इसलिए श्री गणेशचतुर्थी एवं बकरी ईद एक ही समय पर होते हैं !

२. एक मुसलमान नेता ने कहा कि, अभीतक धुळे में श्री गणेशोत्सव में कभी भी दंगा नहीं हुआ और इसके आगे भी नहीं होगा ! (धुळे जनपद एवं परिसर में मुसलमान निरंतर दंगा कर हिन्दू के प्राणों के पीछे पडते हैं। २००८ में धुळे में हुए दंगे को हिन्दू कभी नहीं भूलेंगे ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

३. एक और मुसलमान नेता ने अपनी बात रखने के पूर्व कुरान में अंकित वाक्य पढकर बोलना प्रारंभ किया। (कितने हिन्दू श्‍लोक पढकर बोलना प्रारंभ करते हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

४. बैठक चलते समय ही नमाज का समय होनेपर अनेक मुसलमान नेता नमाज के लिए चले गए। (हिन्दुओं, मुसलमानों का धर्मप्रेम जान लें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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