प्रस्तावित हिंदुद्रोही ‘सांप्रदायिक एवं लक्ष्यित हिंसा प्रतिबंधक अधिनियम २०११’ कानूनका प्रकरण !
मुंबई, ३१ जुलाई (वार्ता.) – कल विश्व हिंदु परिषदके अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. अशोक सिंघलने जानकारी दी कि कांग्रेस शासन एवं सोनिया गांधी उनकी सत्ता अबाधित रखने हेतु मुसलमान एवं ईसाइयोंका तुष्टिकरण करने एवं हिंदु संतमहंत, धर्मगुरु एवं हिंदुओंको बंदीगृहमें डालनेहेतु ‘सांप्रदायिक एवं लक्ष्यित हिंसा प्रतिबंधक अधिनियम २०११’ काला कानून संसदमें संमत कराना चाहते हैं ।
हिंदुओंपर अन्याय करनेवाले इस प्रस्तावित कानूनके विरोधमें विश्व हिंदु परिषद, संतमहंत, धर्मगुरु एवं हिंदुत्ववादी संगठन राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेडनेवाले हैं । ‘‘यह कानून केवल हिंदुओंपर अनाचार एवं अन्याय तथा मुसलमान एवं ईसाइयोंकी रक्षा करनेवाला है । इस कानूनद्वारा कांग्रेस शासन हिंदुओंको बंदीगृहमें डालेगी तथा ईसाइयोंकी चापलूसी करनेवाली सोनिया गांधी हिंदुओंपर दबाव डालनेका प्रयास करेगी । पहलेही मुसलमान एवं ईसाई हिंदुओंपर अनाचार कर उनका धर्मांतर कर रहे हैं ।
ऐसेमें यह कानून बनाकर शासन मुसलमान एवं ईसाइयोंको अभय दे रही है । इस कानूनसे हिंदुओंका जीना दूभर होकर देशका संविधान भी भंग होनेवाला है । यह हिंदुओंके विरोधमें युद्ध ही है । इस कानूनको बनानेवाली तिस्ता सेटलवाड एवं अन्य लोग हिंदुविरोधी हैं । वैटिकनके पोपका ‘एजेंडा’ भारतमें चलाकर सोनिया गांधी यह कानून लागू कर हिंदुओंका धर्मांतरित करनेके प्रयासमें है । यदि यह कानून संमत हुआ तो, देशकी ८२ प्रतिशत हिंदु जनसंख्यापर बडा आघात होगा । हिंदुओंपर झूठे अपराध प्रविष्ट किए जाएंगे । अराजकता तथा आतंकवादका तांडव होगा । कांग्रेस शासन पहले ही हिंदु संतमहंत एवं धर्मगुरुओंपर अत्याचार कर उन्हें अपमानित कर रही है ।
इस कानूनसे उन्हें हिंदुओंको कुचलनेके लिए सरलतासे शस्त्र मिलेगा । इस कानूनसे देशमें आपातस्थिति निर्माण होगी । उडीसामें बिजू जनता दल एवं राज्यशासन तथा तामिलनाडूकी मुख्यमंत्री जयललिताने भी इस कानूनको विरोध किया है । पूरे देशमें इस कानूनको विरोध करने हेतु आंदोलन करनेकी दिशा संत एवं धर्मगुरु निश्चित करेंगे । उसके अनुसार हिंदु संगठन बडे अभियानकी सिद्धता कर कानूनका तीव्र विरोध करेंगे ।’’ इस समय विश्व हिंदु परिषदके कोकण प्रांताध्यक्ष श्री. देवकीनंदन सिंघल एवं विहिंपके श्री.उमेश राणे भी उपस्थित थे ।
स्रोत : Dainik Sanatan Prabhat