हिन्दू जनजागृति समिति का आदर्श गणेशोत्सव उपक्रम !
पुणे में, ओंकारेश्वर घाट की दुरावस्था ! ऐसी दुरावस्था में भक्त विसर्जन करे भी तो, कैसे करें ?
धर्मशास्त्रानुसार मूर्ति विसर्जन करने हेतु नेतृत्व लेकर धर्मकर्तव्य निभानेवाले धर्माभिमानी !
१. धर्माभिमानी श्री. मिलिंद देव ने गणेशमूर्ति नदी में विसर्जन करने का स्वयं होकर आवाहन किया !
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से भिडे पूल में गणेशमूर्ति विसर्जन की उद्घोषणा करते समय धर्माभिमानी श्री. मिलिंद देव ने उसे सूना एवं स्वयं होकर भक्त लोगों को आवाहन करते हुए कहा कि, पिछले वर्ष कुंड में स्थित मूर्तियों को कूडे की गाडी से ले जाकर पुनः नदी में विसर्जित किया गया था। अतः हम गणेशमूर्तियों का विसर्जन नदी में करेंगे !
२. नगरसेवक श्री. राजू मिसाळद्वारा मूर्ति विसर्जन की अच्छी सुविधा !
निगडी प्राधिकरण के सेक्टर २४ में गणेश तालाब में मूर्तियों का विसर्जन अच्छी पद्धति से संपन्न हुआ। मूर्तियों का विसर्जन होडीद्वारा किया गया। नगरसेवक श्री. राजू मिसाळ ने अच्छी सुविधा की। यहां स्वच्छता एवं पवित्रता को संजोया। श्री. मिसाळ ने श्रद्धा, परंपरा एवं शास्त्रानुसार मूर्तिविसर्जन को महत्त्व देते हुए तालाब में विसर्जन की व्यवस्था करा दी। गणेश तत्त्व का चैतन्य अबाधित रहने हेतु स्वच्छता तथा अनुपालन करने का आवाहन किया जा रहा था। सभी गणेश भक्तों का ध्वनिक्षेपक के माध्यम से स्वागत किया जा रहा था।
३. काकडे पार्क में नगरसेवक श्री. अनंत कोर्हाळे ने नि:शुल्क होडियां दी !
काकडे पार्क के घाट पर मनसे नगरसेवक श्री. अनंत को-हाळे ने भक्तों को नि:शुल्क होडियां भक्तों को उपलब्ध करा दी। इसलिए बहते पानी में विसर्जन को भक्तोंद्वारा प्रतिसाद दिया गया। कुंड में विसर्जन करने का प्रमाण नगण्य था।
रावेत के घाट पर भक्त नदीपात्र में विसर्जन कर रहे थे। वहां पर होडियों की व्यवस्था की गई थी। (हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से मूर्ति के शास्त्रानुसार विसर्जन प्रक्रिया हेतु होडियां उपलब्ध करा देनेवाले श्री. दादा को-हाळे का आभार !) कुंड में विसर्जन करने का प्रमाण नगण्य था।
इस अवसर पर महापालिका के कर्मचारी कार्य की ओर ध्यान देने के स्थान पर भ्रमणभाष पर आपस में बोल रहे थे।
४. श्री गणेशजी की विडंबना न होने हेतु बहते पानी में मूर्ति का विसर्जन !
युवक कांग्रेस के पुणे नगर उपाध्यक्ष श्री. कुणाल खांगटे प्रतिवर्ष खडिया मिट्टी की मूर्ति स्थापित करते हैं एवं बहते पानी में मूर्ति का विसर्जन करते हैं। उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, महापालिका के कुंड की श्री गणेश मूर्ति को जेसीबी से उठाते हुए उनकी विडंबना न होने हेतु हम बहते पानी में ही मूर्ति का विसर्जन करते हैं।
५. चिंचवड में भक्तों ने प्रशासन के संदर्भ में अप्रसन्नता व्यक्त कर बहते पानी में मूर्ति विसर्जित करने पर जोर दिया !
यहां के घाट पर बहते पानी में गणेश मूर्ति विसर्जन करने की भक्तों की मानसिकता थी। बिर्ला रुग्णालय के समीप के घाट पर नदीपात्र में पानी न होने से भक्त प्रशासन के निर्णय के संदर्भ में अप्रसन्न थे। महापालिकाद्वारा बांधे गए कुंड में भी पानी नहीं, अपितु कूडा था। भक्तों की असुविधा होने के कारण भक्त वहीं पर मूर्ति रख कर निकल जा रहे थे।
मोरया गोसावी मंदिर के पास के घाट पर भक्तों के लिए व्यक्तिगत होडियों की व्यवस्था की गई थी। इसलिए भक्तों ने वहां विसर्जन करना पसंद किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात