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पुणे महानगरपालिकाद्वारा ट्विटर खाते से श्री गणेशजी का विडंबन करनेवाला विज्ञापन हटाया गया !

  • हिन्दू जनजागृति समिति के सक्रिय निषेध का परिणाम !

  • हिन्दुओे, इस सफलता के विषय में ईश्‍वर के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त करें !

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पुणे : पुणे महानगरपालिका के pmc care ट्विटर खाते से यातायात नियमों के संदर्भ में नागरिकों का प्रबोधन करनेवाले विज्ञापन के छायाचित्र में श्री गणेशजी का विडंबन किया गया था। इस संदर्भ में दैनिक सनातन प्रभात में समाचार प्रसारित किया गया था। तदुपरांत हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने महापालिका के pmc care के श्री. राहुल जगताप को संपर्क कर कथित विडंबनात्मक विज्ञापन तत्काल हटाने की मांग की थी। साथ ही यदि यह विज्ञापन नहीं हटाया गया, तो धार्मिक भावनाओं को आहत करने के प्रकरण में वैधानिक मार्ग का अवलंब करने की चेतावनी दी थी।

तदुपरांत श्री. जगताप ने इस छायाचित्र को हटाने का आश्‍वासन दिया। कथित विडंबनात्मक विज्ञापन पुणे महानगरपालिका के ट्विटर खाते से हटाए जाने का पता चला। (हिन्दुओ, इस सफलता के लिये श्री गणेशजी के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त करें ! अन्यत्र इस तरह से पाया जानेवाला अपने आस्थास्त्रोतों का होनेवाला विडंबन रोकने हेतु वैधानिक मार्ग से सक्रिय होइए ! आस्थास्त्रोतों का होनेवाला विडंबन रोकना एक प्रकार से देवी-देवता की उपासना ही है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

विज्ञापन के छायाचित्र में श्री गणेशजी के मुख में अरे भक्त अपने सर का ध्यान रख। हर कोई दूसरा सर प्राप्त करने के लिए मेरे जैसा भाग्यवान नहीं होता’, ऐसा वाक्य लिख कर श्री गणेश जी के हाथ में हेल्मेट थमा कर ऐसा बताया गया कि श्रीगणेश हेल्मेट के उपयोग का संदेश दे रहे हैं !

इस संदर्भ में दैनिक सनातन प्रभात के संवाददाता ने pmc care के श्री. राहुल जगताप से संपर्क करने पर वे उत्तर देने में टालमटोल कर रहे थे। उनसे संपर्क करने पर उन्होंने कहा ‘विरोध करनेवाले गलत दृष्टि से देखते हैं, वास्तव में इस छायाचित्र में कोई विडंबन नहीं है; परंतु फिर भी इस छायाचित्र को हटाने के मौखिक आदेश दिए गए हैं !’ (किसी भी देवी-देवता का मूल रूप छोड कर अन्य रूप में रेखांकित करना अथवा देवी-देवता का मानवीकरण करना विडंबन ही है। देवी-देवता अपनी कल्पकता दर्शाने का माध्यम नहीं है। धर्मशिक्षा के अभाव में हिन्दुओं की धर्मभावनाएं कुंद होने से ही उनसे ऐसे विडंबन के कृत्य होते हैं। सभी को धर्मशिक्षा देना ही विडंबन रोकने पर प्रभावी पर्याय है !- संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


पुणे महानगरपालिका के ट्विटर खाते पर गणेशजी का विडंबन !

  • गणेशजी को हेल्मेट प्रयुक्त करने का संदेश देते हुए दर्शाया गया !
  • गणेशभक्तों में असंतोष ! 
  • हिन्दुओ, विज्ञापन से होनेवाले श्री गणेशजी के विडंबन को रोकें !
महानगरपालिकाद्वारा किया गया गणेशजी का विडंबन
महानगरपालिकाद्वारा किया गया गणेशजी का विडंबन

(यह चित्र किसीकी धार्मिक भावना को ठेस पहुचाने हेतु प्रकाशित नहीं किया गया है, हिन्दू देवताओंका किस प्रकार अनादर किया जाता है, यह केवल दर्शाने हेतु यह प्रकाशित किया है – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

पुणे : गणेशविसर्जन हेतु धर्मविरोधी पर्यायों का समर्थन करनेवाली पुणे महानगरपालिकाद्वारा उनके ट्विटर खाते से ‘pmc care’ अंतर्गत श्री गणेशजी का विडंबन किया गया है !

महानगरपालिका के ट्विटर खाते से यातायात का नियमपालन करने के संदर्भ में प्रबोधन करने के नाम पर गणेश जी के हाथ में हेल्मेट थमा कर यातायात पुलिस के समान संदेश देते हुए दर्शाया गया है। (श्री गणेशजी का मानवीकरण कर विज्ञापन हेतु उपयोग करना उनका विडंबन करना ही है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

इस विज्ञापन में ‘अरे भक्त अपने सर का ध्यान रख। हर कोई दूसरा सर प्राप्त करने के लिए मेरे जैसा भाग्यवान नहीं होता’ ऐसा वाक्य श्री गणेशजी के मुख से बुलवाया है। (धर्मशिक्षा के अभाव के कारण ही हिन्दुओं के देवी-देवताओं का इस प्रकार से विज्ञापन हेतु उपयोग किया जाता है। हिन्दुओ, वैधानिक मार्ग से इस विडंबन का विरोध करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

इस छायाचित्र के कारण गणेशभक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, इस लिये यह छायाचित्र तत्काल हटाने की मांग की जा रही है।

क्या, महानगरपालिका ने श्री गणेश जी का अनादर करने का ठेका लिया है ? – श्री. सुनील घनवट, हिन्दू जनजागृति समिति

पुणे महानगरपालिकाद्वारा गणेशमूर्तियों के विसर्जन के संदर्भ में धर्मविरोधी निर्णय लेकर गणेशभक्तों की धर्मभावनाओं को आहत किया ही है, अब तो सामाजिक जालस्थल के माध्यम से श्रीगणेशजी का विडंबन कर उनका अनादर किया जा रहा है। ऐसा संदेह उत्पन्न होता है कि, मानो पुणे महानगरपालिका ने श्रीगणेशजी का अनादर करने का ठेका ही लिया हो !

महानगरपालिका को त्वरित श्रीगणेशजी का अनादर करनेवाला छायाचित्र हटा कर गणेशभक्तों से क्षमायाचना करनी चाहिए। यदि यह छायाचित्र नहीं हटाया गया, तो महानगरपालिका के विरोध में अपराध प्रविष्ट करेंगे !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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