हिन्दुओं का उत्पीडन एवं जिहादी आतंकियों के लिए सुविधाएं, यही है वर्तमान लोकतंत्र !
पुणे : वर्ष २०१४ में फेसबुक पर छत्रपति शिवाजी महाराज एवं दिवंगत शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरेजी का अनादर करनेवाला लेख प्रकाशित होने के पश्चात भडक उठे दंगे में २ जून को शेख नामक व्यक्ति की हत्या होने के प्रकरण में हिन्दूराष्ट्र सेना के प्रमुख श्री. धनंजय देसाई को ९ जून २०१४ को बंधक बनाया गया। तब से वे येरवडा कारागृह में बंद हैं।
इस अवधि में उनको अंडासेल में अकेला रखकर उनका उत्पीडन किया गया। श्री. देसाई ने मोक्का न्यायालय में ऐसा परिवाद प्रविष्ट किया है। साथ ही कारागृह के कर्मचारी उनसे गाली-गलौज करते हैं, यह भी इस परिवाद में कहा गया है। मोक्का न्यायालय के न्यायाधीश श्री. उत्पात ने इस परिवाद का संज्ञान लेकर २२ सितंबर २०१६ को इसकी सुनवाई रखी है।
श्री. धनंजय देसाई के अधिवक्ता श्री. मिलिंद पवार ने कहा कि, गत सुनवाई के समय श्री. देसाई ने न्यायालय में उनके स्वास्थ्य के संदर्भ में तथा उनको उचित औषधियां न दिए जाने का परिवाद किया था। तब न्यायालय ने पुलिस तथा कारागृह व्यवस्थापन को श्री. देसाई को वैद्यकीय सहायता करने का आदेश दिया था; परंतु इस आदेश को दुर्लक्षित किया गया था। साथ ही कारागृह के कर्मचारी उनसे गाली-गलौज भी करते हैं, ऐसा भी अधिवक्ता श्री. पवार ने बताया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात