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हाल ही में इमरान खान ने ट्वीट कर कहा था, ‘जैसा कि भारत में हो रहा है उससे उलट नया पाकिस्तान क्वैद का (जिन्ना) पाकिस्तान है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे अल्पसंख्यकों को समान नागरिक माना जाए।’ इस ट्वीट ने विवाद खडा कर दिया था।
गवर्नमेंट पोस्ट ग्रैजुएट कॉलेज में राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष अंजुम जेम्स पॉल ने फेसबुक पर एक पोस्ट करके इमरान से पूछा है, ‘अब कौन रीना, रवीना, सदफ खान और ईसाई नाबालिग युवतियों के लिए खडा होगा। जिनका अपहरण करके उनके माता-पिता से छीनकर फरवरी और मार्च में धर्मांतरण करवा दिया गया।’
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पॉल ने जबरन होने वाले धर्मांतरण और नाबालिग इसाई और हिन्दू बच्चियों की शादी को बंद करने पर जोर देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अल्पसंख्यकों के अधिकारों के होते उल्लंघन के खिलाफ खडे होने को कहा। उन्होंने खान को उनका वादा याद दिलाया। २०१८ में चुनाव अभियान के दौरान इमरान ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की बात कही थी।
सहायक प्रोफेसर ने कहा, ‘नए पाकिस्तान में भी परिस्थितियां वैसी ही हैं और धार्मिक अल्पसंख्यक भेदभाव और उत्पीडन से पीडित हैं।’ वहीं धंजा ने कहा कि दो बहनों का उस समय अपहरण किया गया जब वह २० मार्च को होली खेल रही थीं। इससे पहले १३ साल की इसाई बच्ची का अपहरण करके ६ फरवरी को उसकी शादी करवाकर इस्लाम कबूल करवा लिया गया। दो और हिन्दू युवतियों कोमल और सोनिया का अपहरण करके जबरन धर्मांतरण किया गया।
आप क्या कर सकते है ?
१. स्थानिय हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की मदत से केन्द्र सरकार से पाकिस्तान के हिन्दुआेंकी रक्षा के लिए जिलाधिकारीयों को ज्ञापन प्रस्तुत कर सकते है । साथ ही भारत सरकार से पाकिस्तान सरकार पर वहां के हिन्दुआें को सुरक्षा प्रदान करने के लिए दबाव डालने की मांग कर सकते है ।
२. फेसबूक, ट्वीटर के माध्यम से #SavePakistaniHindus #AttrocitiesOnPakHindus जैसे हॅशटॅग का उपयोग कर प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री आदि को र्इमेल अथवा ट्वीट के माध्यम से हिन्दुआें के रक्षा की मांग करें ।
स्त्रोत : अमर उजाला