Menu Close

गणेशमूर्तियों का बहते पानी में विसर्जन करें !

नाशिक में पत्रकार परिषद में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा प्रबोधन !

ganesh-chaturthi

नासिक : वर्ष में ३६४ दिन तक निद्रिस्त तथाकथित पर्यावरणवादी एवं अंनिस गणेशोत्सव आते ही ‘प्रदूषण होता है’ कहते हुए कोलाहल मचाने लगते हैं । क्या कभी बकरी ईद या नाताल के अवसर पर प्रदूषण होता है ऐसी आपत्ति जताई गई है ? इकोफ्रेंडली गणेशोत्सव मनाने के नाम पर गणेशमूर्तियों का कृत्रिम तालाब में विसर्जन करने के लिए कहनेवाले ‘इकोफ्रेंडली बकरी ईद मना कर मिट्टी की बकरी काटें’, ‘ताबूत का पानी में विसर्जन न करें’, ‘ईसाईयों के नाताल के समय ‘थर्माकॉल’ एवं ‘प्लास्टिक’ के साहित्यों का उपयोग न करें’, ऐसा कभी नहीं कहते । केवल हिन्दुओं के त्यौहारों का विरोध करने पर ध्यान दिया जाता है ।

कृत्रिम हौज में गणेशमूर्तियों का विसर्जन करने पर आगे उनकी विडंबना होती है । इसे टालने के लिए नासिक में आयोजित पत्रकार परिषद में बोलते हुए श्री. शशिधर जोशी ने गणेशभक्तों से आवाहन किया कि, वे अनंतचतुर्थी को गणेशमूर्तियों का कृत्रिम हौज में विसर्जन करने की अपेक्षा धर्मशास्त्र के अनुसार बहते पानी में मूर्तियों का विसर्जन कर श्रीगणेशजी की कृपा संपादन करें । इस अवसर पर अखिल भारतीय वैष्णव परिषद के श्री. दीपक बैरागी, पुरोहित संघ के अध्यक्ष श्री. सतीश शुक्ल, शिवसृष्टि बहुउद्देशीय विकास संस्था, कॉलेज रोड, नाशिक के श्री. प्रफुल्ल पाठक तथा सनातन संस्था की श्रीमती ज्योती पंडित उपस्थित थीं ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *