लंदन – ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में सांसद के रूप में शपथ लेने वाले ४६ साल के जितेश गढिय़ा भारतीय मूल के सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं, जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। ब्रिटेन के अपर हाउस में भारतीय मूल के करीब २० सांसद हैं।
भारतीय संस्कृति में अटूट आस्था
उनसे पहले भी भारतीय मूल के अनेक लोग ब्रिटेन में सांसद बने थे और शायद उनके बाद भी बहुत से भारतीय कभी भारत पर राज करने वाले इस देश की संसद के सदस्य बनेंगे, किंतु जो जितेश ने किया, वह अभूतपूर्व है। जितेश ने क्वक्वीन एलिजाबेथ -२ के प्रति वफादारी की शपथ ऋग्वेद पर हाथ रखकर ली। इसी से पता चलता है कि भारतीय धर्म व संस्कृति के प्रति इस भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक के मन में कितना आदरभाव है।
वह एबीन और बारक्लेज जैसी यूरोप की बड़ी फाइनैंशल कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं। वह टाटा स्टील की ब्रिटेन की कोरस को खरीदने की डील में भी भूमिका निभा चुके हैं। ब्रिटेन की संसद में पिछले कुछ वर्षों से नए सदस्यों को बाइबल के अलावा भी दूसरे धार्मिक ग्रंथ चुनने की अनुमति है, लेकिन इससे पहले किसी भी ब्रिटिश भारतीय ने ऋग्वेद के साथ शपथ नहीं ली थी। गढ़िया ब्रिटिश संसद को ऋग्वेद के १६७ वर्ष पुराने संस्करण की प्रति भी उपहार में देंगे, जिसका एक विशेष महत्व है।
स्त्रोत : राजस्थान पत्रिका