आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हजारों यजीदी लड़कियों को सेक्स गुलाम बनाकर ऐसी यातनाएं दी हैं जिसे सुनकर रूह कांप जाए। इनमें से ही एक है नादिया मुराद। जर्मनी के संरक्षणगृह में उपचार ले रही नादिया की कहानी दिल दहलाने वाली है। आतंकियों ने नादिया का इतनी बार बलात्कार किया कि वह गिनती ही भूल चुकी है। नादिया का कहना है कि एक समय ऐसा आ गया जब उसने यातना के सामने हार मान ली। जब उसका बलात्कार हो रहा होता था तब वह खुद को ‘दूसरी दुनिया’ में भेज देती थी।
नादिया उस समय आठ साल की थी, जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने इराक के साथ युद्ध छेड दिया। इस युद्ध ने इराक को बुरी तरह झकझोर दिया, जिससे पूरे देश में अस्थिरता मच गई। इस अस्थिरता के कारण इस्लामिक स्टेट (आईएस) को सत्ता पर काबिज होने मौका मिला। इसके १३ सालों बाद २०१४ में आईएस ने नादिया के परिवार की ऐसे हत्या कर दी जैसे कसाई जानवरों को काटता है। आईएस के लड़ाकों ने नादिया का बार-बार बलात्कार करने के लिए उसे बंदी बना लिया।
चिल्कोट रिपोर्ट में जब ब्लेयर के इस कदम की निंदा हुई, तो ब्लयेर ने कहा कि उन्होंने वही किया जो ब्रिटेन के हित में था। ब्लेयर को अपने इस निर्णय पर कोई राय बनाने से पहले एक बार नादिया से जरूर मिलना चाहिए। ब्लेयर के इस निर्णय की गाथा नादिया की आंखें बताएंगी। ब्लेयर के इस एक निर्णय के कारण नादिया ने जितनी शारीरिक और मानसिक यातनाएं सही उनकी व्याख्या नहीं की जा सकती। नादिया यहां के प्राचीन यजीदी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जिसे आईएस ने बुरी तरह तबाह कर दिया।
इस समुदाय की लड़कियों को आईएस ने बंदी बना कर उनका बार-बार बलात्कार किया। नादिया के अनुसार, आईएस के उग्रवादियों ने उसका इतनी बार बलात्कार किया जिसे वह गिन भी नहीं सकती। वह यजीदी समुदाय की उन 5000 महिलाओं में से एक है, जिन्हें आईएस के लड़ाकों ने अगवा किया था। आईएस के उग्रवादियों का बर्ताव इतना क्रूर था कि इन सभी महिलाओं का इस्लाम और ईसाई धर्म से विश्वास ही उठ गया।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स