मुंबर्इ – वसई हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले ११ निवासीयों ने एक मुसलमान परिवार को फ्लैट बेचे जाने का विरोध किया है। ४ सितंबर को हुई बैठक में वहां के निवासीयों ने मुसलमानों को बिल्डिंग से बाहर रखने का संकल्प लिया है। इस सोसायटी में अधिकतर गुजराती बोलने वाले लोग रहते हैं।
हैप्पी जीवन को-ऑपरेटिव सोसायटी के अधिकतर सदस्य ने इस निर्णय को समर्थन देते हुए मुसलमान परिवार को फ्लैट बेचने वाली कांताबेन पटेल और उनके पुत्र जिग्नेश पटेल को पत्र भेजा है। ११ लोगों द्वारा हस्ताक्षर किए गए पत्र में लिखा है, ‘हमें पता चला है कि, आप अपना फ्लैट किसी मुसलमान परिवार को बेच रहे हैं। हमें लगता है कि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।’
जिग्नेश पटेल ने हाउसिंग सोसायटी के सब-रजिस्ट्रार और पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी है। पटेल ने अपना फ्लैट विकारअहमद खान को बेचने वाले थे। खान ने फ्लैट के लिए १ लाख रुपए की टोकन पैसे भी दे दिए है। जिग्नेश ने बताया कि अब सोसायटी एनओसी (NOC) नहीं दे रही है।
सोसायटी के सहसचिव जितेन्द्र जैन ने बताया कि, मुसलमानों को घर ने बेचने के निर्णय काे अधिकतर लोगों का समर्थन है। उन्होंने कहा कि, हम मामला संभाल लेंगे। फर्स्ट फ्लोर पर पांच फ्लैट्स हैं जिसमें शाकाहारी गुजराती परिवार रहते हैं और वह नहीं चाहते कि मासांहारी मुसलमान उनके साथ रहें।
हिन्दू एक्जीस्टन्स के संवाददाता से बात करते हुए वहां के निवासी रमेश ने कहा की, हम यहां शांति से रहना चाहते है। जो लोग हमारी संस्कृती तथा परंपरा का आदर नहीं करते एेसे लोगों को आश्रय देकर हम यहां की शांतता तथा सुरक्षितता भंग नही करना चाहते । उनकी स्त्रियां बुरखा पहनकर फ्लॅट में आती है, इसलिए अंदर कौन आया कौन गया यह पता भी नहीं चलता । साथ ही दिन में पांच बार नमाज से पहले वे उची आवाज में अजान देते है । कभी कभी इमाम-मौलवियोंको भी अपने यहां रहने बुलाते है ।
यदि दो या तीन जिहादीयोंको सोसायटी में रहने का निमंत्रण दिया तो यह जोखिम कौन उठाएगा । क्या पता कल उनके द्वारा हमारे सोसायटी में आैर एक २६/११ कर दिया जाए ।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स