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हिमाचल प्रदेश में मंदिरों की सुरक्षा हेतु सरकार ने पुजारियों को दी बंदूक रखने की अनुमति

जनता असुरक्षित होने से, क्या कल उसे भी बंदूकें देंगे ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति

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शिमला : हिमाचल प्रदेश के कई गांवों में मंदिरों के पुजारियों को बंदूक के लाइसेंस दिए गए हैं ताकि वह देवताओं की कीमती मूर्तियों की रक्षा कर सकें। अतीत में कई मंदिर लूटे गए हैं और कुछ मामलों में मंदिरों के पुजारियों और रक्षकों की हत्या की जा चुकी है।

जुलाई, २०१३ में रोहडू तहसील के बछूंछ गांव में चोरों ने सेंध मारकर मंदिर से न केवल करोडों की मूर्तियां और गहने चुरा लिए थे अपितु चौकीदार को भी मार दिया था। पिछले १० साल में हिमाचल प्रदेश के १५० से ज्यादा मंदिर और मठ लूटे गए हैं। दिसंबर २०१४ में रघुनाथ मंदिर में चोरी हुई थी जिसने सबको चौंका दिया था। मंदिर परिसर से भगवान रघुनाथ की कीमती मूर्ति चोरी हो गई थी। कुल्लू जिले में २०० से ज्यादा देवी-देवताओं के मंदिर हैं और हाल के वर्षों में यहां दर्जनों चोरियां हुई हैं। अब सरकार ने मंदिर की अथॉरिटीज को सीसीटीवी कैमरा लगवाने और बंदूक का लाइसेंसे लेने के लिए कहा है।

रघुनाथ मंदिर की देखरेख करने वाले दाबे राम ने कहा, ‘प्राचीन मूर्तियां और देवी-देवता बहुत कीमती हैं। मंदिर के स्टॉकरूम में बहुत से गहने और कैश होता है। अब हम बदमाशों को मंदिर की संपत्ति से दूर रखने के लिए एक बंदूक रखते हैं। हम इन प्राचीन मूर्तियों की चोरी नहीं होने दे सकते। हमारे देवताओं की पालकियों में मंहगे रत्न लगे होते हैं और ये पूरे साल जिले में घूमती रहती हैं। इसलिए मंदिर की हर अथॉरिटी के लिए बंदूक रखना आवश्यक है।’

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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