हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित प्रवचनों को पुणे के विविध क्षेत्रों में गणेश मंडलोंद्वारा उत्स्फूर्त प्रतिसाद !
पुणे : यहां के हडपसर, आंबेगाव पठार, बावधन, पाषाण तथा मंचर (जिला पुणे) के नवलेमळा भावडी, कुदळेवाडी भावडी एवं सवाईमळा में ‘आदर्श गणेशोत्सव कैसे मनाएं’ ?, गणेशोत्सव का महत्त्व एवं धर्मशिक्षा की आवश्यकता एवं श्री गणेश के संदर्भ में ‘शास्त्र एवं राष्ट्र-धर्म की सद्यस्थिति’ इन संदर्भों पर हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने मार्गदर्शन किया। इस मार्गदर्शन के उपरांत अनेक जिज्ञासुओं ने उत्स्फूर्त रूप से कहा कि, हम श्री गणेशमूर्तियों का विसर्जन नदी के बहते पानी में ही करेंगे !
हडपसर
यहां के सातववाडी के श्री गणेश मित्र मंडळ में समिति के श्री. अभिजीत देशमुख ने १० सितंबर को ‘आदर्श गणेशोत्सव तथा राष्ट्र एवं धर्म की सद्यस्थिति’ के संदर्भ में मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर ५० से अधिक धर्माभिमानियों ने इस मार्गदर्शन का लाभ लिया। यह मार्गदर्शन समाप्त होने पर २० से अधिक युवकों ने अपनी शंकाओं का निवारण कर राष्ट्र एवं धर्म के कार्य में सम्मिलित होने की ईच्छा प्रदर्शित की !
बावधन
११ सितंबर को ड्रीम्स बेली सोसाइटी में समिति के श्री. सम्राट देशपांडेद्वारा ‘तनावमुक्ति के लिए साधना एवं नामस्मरण का महत्त्व’, इन संदर्भों पर मार्गदर्शन किया गया। इस अवसर पर सोसाइटी के ६० से भी अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे। यह मार्गदर्शन सुनने पर अनेक लोगों ने सोसाइटी में धर्मशिक्षा वर्ग आयोजित करने की मांग की !
पाषाण
यहां के सुतारवाडी के विघ्नहर्ता गणेश मंडल में ११ सितंबर को समिति के श्री. सम्राट देशपांडेद्वारा ‘तनावमुक्ति के लिए साधना एवं नामस्मरण का महत्त्व’ इन संदर्भों पर मार्गदर्शन किया गया। इस अवसर पर ४० से अधिक जिज्ञासु उपस्थित थे। इस अवसर पर अनेक धर्माभिमानियों ने उत्स्फूर्तता से दैनिक सनातन प्रभातद्वारा प्रकाशित ‘पुलिसकर्मियों का सनातन द्वेष का कटु वास्तव’ यह विशेषांक मांग कर लिया।
आंबेगाव पठार
यहां के श्रीराम मित्र मंडल में १२ सितंबर को समिति के श्री. पराग गोखले ने श्री गणेश के संदर्भ में ‘शास्त्र एवं राष्ट्र-धर्म की सद्यस्थिति’ इन संदर्भों पर मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर २० से भी अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।
इस मार्गदर्शन के उपरांत उपस्थित धर्माभिमानियोंद्वारा आनेवाली चतुर्थी को ‘पितृपक्ष’ संदर्भ की जानकारी प्रस्तुति एवं सनातन पंचांग का वितरण करने हेतु आमंत्रित किया गया तथा उन्होंने हर चतुर्थी को धार्मिक गतिविधियों के संदर्भ में प्रस्तुतीकरण हेतु आने को भी कहा। साथ ही धर्मशिक्षा फलक ग्रंथ को देख कर अनेक लोगों ने कहा कि, गांव के हर मंदिर में हम यह फलक लगाएंगे। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने उत्स्फूर्त रूप से कहा कि, हम श्री गणेश मूर्तियों का विसर्जन नदी के बहते पानी में ही करेंगे !
मंचर एवं पेठ
यहां के नवलेमळा भावडी, कुदळेवाडी भावडी एवं सवाईमळा में ‘आदर्श गणेशोत्सव कैसे मनाएं ?’ इस विषय पर श्री. विकास थोरात एवं श्री. दिलीप शेटेद्वारा मार्गदर्शन किया गया। इस अवसर पर ‘धर्मशिक्षा की आवश्यकता, मूर्ति विसर्जन एवं स्व-संरक्षण की आवश्यकता के संदर्भ में ध्वनिचित्र चक्रिकाएं दर्शाई गर्इं । कुल १६० से भी अधिक ग्रामस्थ एवं गणेशभक्तों ने इस मार्गदर्शन का लाभ लिया।
विशेष : आंबेगाव पठार, नवलेमळा भावडी, कुदळेवाडी भावडी एवं सवाईमळा में मार्गदर्शन के पश्चात सभी धर्माभिमानियों ने उत्स्फूर्ततासे ‘हिन्दू राष्ट्र’ अर्थात ‘सनातन धर्म राज्य’ की शपथ ली !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात