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दैनिक लोकमत के संपादक, मालिक, मुद्रक एवं प्रकाशक के विरोध में सनातन संस्थाद्वारा मानभंग का अभियोग प्रविष्ट !

दैनिक लोकमत के विरोध में, सनातन संस्थाद्वारा क्षतिपूर्ति हेतु न्यायालय में दीवानी अभियोग प्रविष्ट

रामनाथी (गोवा) : समाज में सनातन संस्था के धर्मप्रसार एवं बढते हुए कार्य की गहराई एवं संस्था के प्रति समाज में होनेवाला आदर ज्ञात होते हुए भी संस्था का मानभंग करने के उद्देश्य से दैनिक लोकमत के संपादक राजू नायक ने ‘सनातनी नहीं ! विकृत !’ इस शीर्षक का लेख लिखकर उसे पणजी, गोवा से प्रकाशित होनेवाले दैनिक लोकमत के गोवा संस्करण के १९ जून २०१६ क अंक में ‘हैलो रविवार’ पुरवणी में प्रकाशित कर संस्था को अपकीर्त किया। उससे संस्था की अपरिमित हानि हुई।

इस कारण सनातन संस्था के व्यवस्थापकीय न्यासी श्री. वीरेंद्र मराठे ने संस्था के मानद कानूनी सलाहकार श्री. रामदास केसरकर के माध्यम से दैनिक लोकमत के संपादक राजू नायक, मालिक लोकमत मीडिया प्रा. लि., मुद्रक एवं प्रकाशक बालाजी मुळे को १४ जुलाई २०१६ को कानूनी नोटिस देकर मानभंग की क्षतिपूर्ति हेतु १० करोड रुपयों की मांग की थी; परंतु उन्होंने इस कानूनी नोटिस में अंकित संस्था की मांग की आपूर्ति नहीं की !

इसलिए सनातन संस्था के व्यवस्थापकीय न्यासी श्री. वीरेंद्र मराठे ने हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता श्री. गजानन नाईक, अधिवक्ता श्री. नागेश ताकभाते, अधिवक्ता कु. दीपा तिवाडी एवं अधिवक्ता श्री. रामदास केसरकर के माध्यम से दैनिक लोकमत के संपादक, मालिक, मुद्रक एवं प्रकाशकों के विरोध में मानहानि की क्षतिपूर्ति हेतु फोंडा, गोवा के दीवानी न्यायाधीश (वरिष्ठ श्रेणी) के न्यायालय में १० करोड रुपयों का दीवानी अभियोग प्रविष्ट किया है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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