विटा (जिला सांगली) में दूसरा राज्यस्तरीय ‘पंचगव्य चिकित्सा संम्मेलन’ !
विटा (जिला सांगली) : यहां आयोजित दूसरे राज्यस्तरीय पंचगव्य चिकित्सा सम्मेलन के उद्धाटन अवसर पर संबोधित करते हुए गुरुकुलम् के गुरुकुलपति सेवारत्न गव्यसिद्धाचार्य पू. डॉ. निरंजनभाई वर्मा ने कहा कि, विटा में गुरुकुल, गोशाला तथा चिकित्सालय आरंभ करने की दृष्टि से संभाव्य स्थलों का निरीक्षण किया गया है। इस विषय में मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं। शीघ्र ही विटा में सभी सुविधाओं से युक्त चिकित्सालय एवं गुरुकुल आरंभ करने की दृष्टि से कार्यवाही आरंभ की जाएगी।
इस दृष्टि से उन्होंने इस क्षेत्र के गव्यसिद्धों को प्रयासरत रहने का आवाहन किया है !
यह सम्मेलन विटा नगरपरिषद के अल्पबचत सभागृह में हो रहा है।
प्रथम सत्र में मान्यवरों के शुभहाथों प्रतिमापूजन हुआ। इस अवसर पर कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं भूतपूर्व विधायक श्री. सदाशिवराव पाटिल तथा ज्येष्ठ पत्रकार श्री. देवदत्त राजोपाध्ये के शुभहाथों दीपप्रज्वलन किया गया। गव्यसिद्ध श्री. विकास तारळेकर ने स्वागत एवं प्रास्ताविक किया।
इस अवसर पर पू. डॉ. निरंजनभाई वर्मा ने कहा कि, केरल राज्य के १४ जिलोमें से १२ जिलो में व्यापक मात्रा पर पंचगव्य चिकित्सा का कार्य चल रहा है। वहां के कार्यकर्ताओंद्वारा ‘गाय’ ही अपना ध्येय रखा जाने के कारण उन्हें इतनी व्यापकता से कार्य करना संभव हो सका। पैसा, व्यक्तिगत महत्त्वाकांक्षा के स्थान पर गोमाता एवं गोचिकित्सा को ही कार्य को केंद्रबिंदू रख कर महाराष्ट्र के जिलों को ऐसा कार्य बढाने हेतु सुनियोजित प्रयास किये जाने चाहिए।
इस समय, पू. डॉ. निरंजनभाई वर्मा ने गव्यसिद्धों की शंकाओं का समाधान कर गव्यसिद्धों का ज्ञान परिपूर्ण होने हेतु नि:शुल्क मार्गदर्शन शिविर का आयोजन करने का मानस व्यक्त किया !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात