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इंचियोन (कतार) : कतर की महिला बास्केटबॉल टीम ने हिजाब पहनकर खेलने की इजाजत नहीं मिलने के बाद इंचियोन एशियाई खेलों में मंगोलिया के खिलाफ मुकाबले में शामिल होने से ही इनकार कर दिया। इंचियोन एशियाई खेल आयोजन समिति के प्रवक्ता ने कहा कि खिलाड़ियों से स्पर्धा शुरू होने से पहले हिजाब को उतारने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
क्या है नियम?
अधिकारी ने अपने बयान में कहा, “जहां तक मुझे पता है, यह अंतरराष्ट्रीय बास्केटबाल संघ (आईबीएफ) का मुद्दा है न कि एशियाई खेलों का। आईबीएफ के नियमों के अनुसार, हेडगियर, बालों में लगाने वाले साजो-सामान और आभूषणों को पहनना मना है।”
इसलिए किया खेलने से इनकार
कतर की खिलाडी अमल मोहम्मद-ए-मोहम्मद का कहना है कि दक्षिण कोरिया आने से पहले उन्हें हिजाब पहनकर खेलने के बारे में आश्वस्त किया गया था। उन्होंने कहा, “एशियाई खेलों में भाग लेने से पहले हमें बताया गया था कि हम हिजाब पहनकर खेल सकते हैं, लेकिन आयोजकों ने हमें हिजाब पहनकर खेलने से मना कर दिया।” अमल ने कहा, “हम अपने धार्मिक हिजाब को उतारकर नहीं खेल सकते हैं, इसलिए हमने मंगोलिया के खिलाफ खेलने से मना कर दिया।”
‘कोई फर्क नहीं पड़ता खिलाड़ी को’
खिलाड़ी ने कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा है कि हम हिजाब पहनकर क्यों नहीं खेल सकते। मुझे नहीं लगता कि हिजाब पहनना खतरनाक है और इससे खेल या खिलाड़ियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।” उन्होंने कहा, “हमने इंडोनेशिया और चीन में कई इंटरनेशनल स्पर्धा में हिजाब पहनकर भाग लिया है। एशियाई खेलों में हम तब तक नहीं खेलेंगे, जब तक हमें हिजाब पहनकर खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
सिख संगठन उस समय फीबा के खिलाफ एकजुट हो गए थे, जब फीबा ने एशिया कप टूर्नामेंट में पगड़ी पहनने वाले खिलाड़ियों के भाग लेने पर रोक लगा दी थी। चीन के वुहान में एशिया कप के दौरान भारत के दो सिख खिलाड़ियों अमृतपाल सिंह और अमज्योत सिंह को जापान के खिलाफ १२ जुलाई के मैच से कुछ मिनट पहले कोर्ट पर जाने से रोक दिया गया। उन्हें कहा गया कि खेलने के लिए उन्हें पगड़ी उतारनी होगी। इस पर उन खिलाड़ियों ने आस्था का हवाला देते हुए पगड़ी उतारने से मना कर दिया था।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर