श्राद्धकर्म : पितृऋण चुकाने का सहज एवं सरल मार्ग
एर्नाकुलम (केरल) : हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से कुझिक्काट भगवती मंदिर में पितृपक्ष विषय पर प्रवचन आयोजित किया गया।इस अवसर पर समिति की कु. अदिती सुखटणकर ने धर्माचरण के अंतर्गत कुमकुम लगाना तथा प्रार्थना करने के विषय में जानकारी दी। इस प्रवचन के लिए मंदिर के न्यासियों ने दायित्व लिया था। न्यासियोंद्वारा प्रति सप्ताह सत्संग का आयोजन करने की मांग की गई है।
क्षणिका
केरल में अनेक लोगों को पितृपक्ष ज्ञात नहीं है। यहां के लोग शिवरात्रि एवं गुरुपूर्णिमा के पश्चात अमावस्या को श्राद्ध करते हैं। पितृपक्ष में श्राद्ध करने का महत्त्व एवं दत्त के नामजप का महत्त्व बताने पर उपस्थित जिज्ञासुओं ने उसे त्वरित स्वीकारा। इसी के साथ अनेक लोगों ने पक्षमास में श्राद्ध विधि करने की सिद्धता दर्शाई। यह घटना बहुत अपूर्व ऐसी प्रतीत हुई !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात