हिन्दुत्वनिष्ठों के प्राणों के पीछे पडे हुए धर्मांध जिहादी ! हिन्दुओं, आपके नेताओं की रक्षा हेतु अब हिन्दूसंगठन के बिना कोई अन्य विकल्प नहीं ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात
हिन्दू नेता के स्थान पर यदि किसी अल्पसंख्यक नेता की गाडी जलाई जाती, तो अबतक ‘धर्मनिरपेक्ष’ भारत में ‘देश असहिष्णु हुआ है’, ‘यहां के अल्पसंख्यक असुरक्षित हो गए हैं’ ऐसी डींगोरा पिटना आरंभ किया गया होता; परंतु अब तो कोई नहीं बोल रहा है ! अतः हिन्दुओं के प्रति उनके अपने ही देश में ऐसा पक्षपात का व्यवहार किए जाने का यह स्पष्ट उदाहरण है ! इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु प्रभावशाली हिन्दूसंगठन कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ अर्थात ‘सनातन धर्म राज्य’ की स्थापना करना, यही एकमात्र उपाय है, इसे ध्यान में लें ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात
चेन्नई : हिन्दू मक्कल कत्छी (हिन्दू जनता दल) इस संगठन के अध्यक्ष श्री. अर्जुन संपथ का चौपहिया वाहन धर्मांधोंद्वारा जलाए जाने की घटना तमिलनाडू राज्य के दिंडीगल शहर में हुई। इस प्रकरण में पुलिसद्वारा अपराध प्रविष्ट भी किया गया हो, तो भी अभीतक किसी को बंदी नहीं बनाया गया है ! (इससे पुलिस का हिन्दूद्वेष ही स्पष्ट होता है ! अल्पसंख्यकों पर होनेवाली घटनाओं के अन्वेषण में पुलिस इस प्रकार का कभी विलंब नहीं करती ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. श्री. संपथ ने हिन्दू मक्कल कत्छी के कार्यकर्ता श्री. धर्मा को अपना ‘क्वालिस’ नामक चौपहिया वाहन उपयोग करने हेतु दिया था।
२. गणेशमूर्तियों के विसर्जन के समय प्रातः लगभग ३ से ३.३० बजे धर्मांधों ने इस वाहन को पेट्रोल डालकर जला दिया।
३. धर्मांध, इस वाहन को जला देने के लिए घटनास्थल से निकट के पेट्रोल पंप से पेट्रोल ले रहे है ऐसा ‘फूटेज’ सीसीटीवी कैमरे में अंकित हुआ है।
४. पुलिस यदि सभी प्रमाणोंसहित इस घटना का अन्वेषण कर रही हो, फिर भी उन्होंने अभीतक किसी भी धर्मांध को बंदी नहीं बनाया है।
५. श्री. धर्मा पर इसके पूर्व भी फखरुद्दीन नामक धर्मांधद्वारा आक्रमण किया गया था तथा वे इस आक्रमण में बाल-बाल बचे थे। उसके पश्चात उनको पुलिस की सुरक्षा दी गई थी। तब फखरुद्दीन को बंदी बनाया गया था; परंतु वह अब प्रतिभूति पर छूट गया है। (गाडी को जलाने के संदर्भ में फखरुद्दीन के सम्मिलित होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। तो पुलिस उसकी जांच करने में विलंब क्यों लगा रही है ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात