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जो बात हिन्दुत्वनिष्ठों के ध्यान में आती है, वह केंद्र शासन के ध्यान में क्यों नहीं आती ?
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अभी तक अनेक बार पाकिस्तान के साथ विचारविमर्श किया गया, अब युद्ध करना ही अनिवार्य है !
नंदुरबार : उरी में आतंकवादियोंद्वारा किए गए आक्रमण का निषेध करने हेतु तथा वीरगतिप्राप्त सैनिकों को श्रद्धांजली अर्पण करने हेतु २० सितम्बर को यहां के सुभाष चौक पर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
उस समय हिन्दुत्वनिष्ठों ने इस प्रकार की संतप्त प्रतिक्रिया व्यक्त की कि, ‘अब तक अनेक बार पाकिस्तान के साथ विचारविमर्श किया गया, अब युद्ध करना ही अनिवार्य है। आवश्यकतानुसार हम हमारी संतानों को भी राष्ट्ररक्षण हेतु युद्ध भूमि पर भेजने के लिए सिद्ध हैं। यदि सरकार ने निश्चित भूमिका नहीं अपनाई, तो हम काश्मीर में जाकर पाकिस्तान प्रेमी आतंकवादियों को सबक सीखाए देंगे !’
इस अवसर पर ज्येष्ठ स्वयंसेवक श्री. भिका गिरनार, शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के श्री. दिलीप ढाकणे पाटिल, राणा राजपूत समिति के श्री. मोहितसिंह राजपूत, ब्राह्मण महासंघ के श्री. दिनेश पाठक, सिंदगव्हाण के ग्रामस्थ श्री. विठ्ठल पाटिल, मंगलसर तथा हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल भी उपस्थित थे।
उपस्थित सर्व राष्ट्रप्रेमियों ने सैनिकों की जयजयकार करते हुए पाकिस्तान विरोधी तथा आक्रमण के निषेधार्थ घोषणाएं दी।
अमर जवान स्तंभ की प्रतिमा को पुष्पहार समर्पित कर श्रद्धांजली अर्पण की गई। उस समय सर्वश्री नरेंद्र तांबोळी, चेतन राजपूत, दीपक गवळी, सागर वंजारी, मुकेश राजपूत आदि धर्माभिमानी तथा समिति के कार्यकर्ता उपस्थित थे। हिन्दुत्वनिष्ठों ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह को संबोधित कर अपर जनपदाधिकारी श्री. अनिल पाटिल को ज्ञापन प्रस्तुत किया। उसमें यह मांग की गई कि, ‘गत १० वर्षों से भारतीय सैनिक प्राणार्पणकर रहे हैं। अब प्रत्यक्ष युद्ध कर काश्मीर को आतंकवादमुक्त करना चाहिए !’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात