Menu Close

गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में संभाजीनगर के धर्मप्रेमी हिन्दुओं के संगठन से हिन्दुत्व का हुंकार दिखाई दिया !

crj7m89wyaa3ztv

१. गणेशोत्सव उपक्रम को उत्स्फूर्त प्रतिसाद !

अ. संभाजीनगर जिले में प्रतिवर्ष के समान इस वर्ष भी हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से उपक्रम चलाए गए। समिति एवं रणरागिणी शाखाओं की ओर से १६ स्थान पर स्वसुरक्षा प्रात्यक्षिक दिखाये गए। उसे गणेशभक्तों ने उत्स्फूर्त प्रतिसाद दिया।

आ. कश्मीरी हिन्दुओं की समस्या, पुरोगामित्व के नाम पर हिन्दुओं के धर्मशास्त्र में हस्तक्षेप के प्रयास समान धार्मिक समस्याएं तथा महिलाओं की असुरक्षा आदि समस्याएं रोकने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने के अनुषंग से ११ स्थान पर पथनाट्य प्रस्तुत किए गए।

इ. १७ से अधिक स्थान पर सैकडों की संख्या में हिन्दुओं ने संघटित हो कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के लिए श्री गणेशजी के चरणों में आर्तता से सामूहिक प्रार्थना कर ‘हर हर महादेव’ ऐसा जयघोष किया गया।

गणेशमंडलों से श्री गणेशजी की प्रतिमा स्वीकारती हुई १. कु. प्रियांका लोणे २. कु. क्रांति पेटकर एवं ३. कु. प्रतीक्षा कोरगावकर
गणेशमंडलों से श्री गणेशजी की प्रतिमा स्वीकारती हुई १. कु. प्रियांका लोणे २. कु. क्रांति पेटकर एवं ३. कु. प्रतीक्षा कोरगावकर

२. विसर्जन शोभायात्रा में रणरागिणियोंद्वारा मंडलों का स्वागत !

अनंत चतुर्दशी को रणरागिणियों ने पारंपरिक वेशभूषा में मंडलों की श्री गणेशमूर्तियों का औक्षण कर मंडलों का स्वागत किया। इस अवसर पर रणरागिणियोंद्वारा की गई घोषणाओं को गणेशभक्तों ने अच्छा प्रतिसाद दिया। विविध गणेशभक्त तथा मंडल के सदस्य रुक कर रणरागिणी का फ्लेक्स पढ रहे थे। एक मंडल का स्वागत करने पर उनके कार्यकर्ताओं ने समिति के अच्छे कार्य के लिए उसकी प्रशंसा कर एक महिला कार्यकर्ता को प्रसाद स्वरूप माला दी।

शिवसेना के जिलाप्रमुख श्री. अंबादास दानवे ने नगर के गुलमंडी नामक मुख्य चौक पर खडे किए रणरागिणी के कक्ष का सदिच्छा भ्रमण किया।

३. गणेशोत्सव में मिला हिन्दुत्वनिष्ठ एवं धर्मप्रेमियों का प्रतिसाद !

अ. २ मंडलों ने गणेशोत्सव से संबंधित ८ फ्लेक्स के संच प्रायोजित कर मंडल में लगाए।

आ. गुलमंडी में प्रात्यक्षिक एवं पथनाट्य प्रस्तुत करने पर व्यावसायिक श्री. दीपक बादशहा ने समिति के कार्यकर्ताओं की प्रशंसा की। विसर्जन शोभायात्रा को रणरागिणी शाखा का स्वागत कक्ष खडा करने हेतु अपना एक कमरा, पटल एवं स्टूल नि:शुल्क उपलब्ध कराया तथा कक्ष खडा करने में सहायता भी की।

इ. दो मंडलों में प्रात्यक्षिक एवं पथनाट्य प्रस्तुत करने पर श्री गणेशजी की प्रतिमा देकर समिति के कार्यकर्ताओं का सम्मान किया।

ई. ओम गणेश मित्र मंडल तथा संभाजी पेठ में पथनाट्य एवं प्रात्यक्षिक प्रस्तुत करने पर मंडल के सदस्यों ने कहा कि, आप और एक दिन रात्रितक हमारे यहां इसे पुनः प्रस्तुत करें, जिससे अधिक से अधिक लोग जागृत होंगे। प्रात्यक्षिक एवं पथनाट्य प्रस्तुत करना संभव होने हेतु उतनी कालावधि के लिए उनका दृश्य बंद कर रखा गया था।

उ. सारंग सोसायटी, त्रिमूर्ति चौक के गणेश मंडल को संपर्क करने पर उन्होंने सनातनद्वारा प्रकाशित लघुग्रंथ अथर्वशीर्ष की १०० प्रतियां क्रय कीं। मंडल में अथर्वशीर्ष के १ सहस्र आवर्तन किए। वहां रणरागिणी की कु. प्रतीक्षा कोरगावकर का व्याख्यान भी हुआ।

ऊ. एक मंडल में पथनाट्य एवं प्रात्यक्षिक देख कर ‘दैनिक सांजवार्ता’ की श्रीमती अंजली माठे ने कार्यक्रम के समाचार एवं छायाचित्र दैनिक में लगाने के उद्देश्य से उसकी जानकारी प्राप्त की।

ए. गणेशोत्सव के उपरांत भी बीड बाइपास क्षेत्र के अप्रतिम घरकुल परिसर में समिति के कार्यकर्ताओं के शुभहाथों पारितोषिक वितरण किया एवं उन्होंने उनके यहां विषय प्रस्तुत करने को कहा।

ऐ. संभाजीनगर गणेश महासंघ समिति के प्रमुख को संपर्क करने जाने पर उन्होंने अपनी पत्रकार परिषद में यह विषय प्रस्तुत करने का अवसर दिया।

४. समिति के धर्मशिक्षावर्गों के कारण गांव के उत्सवों में परिवर्तन !

अ. घारेगांव, लायगांव तथा गेवराई के युवकों ने गणेशोत्सव की कालावधि में जुआ खेलना बंद किया।

आ. शेंदुरवादा में युवकों ने ‘एक गांव एक गणपति’ ऐसा उत्सव मना कर, मद्य पीकर शोभायात्रा में आना बंद किया।

इ. आंबेलोहोळ के बच्चों ने गांव के सभी मंडलों की एक ही शोभायात्रा निकाली डॉल्बी सिस्टम का उपयोग नहीं किया।

ई. अंधानेर में बच्चों ने प्रबोधन कर उत्सव में छायाचलचित्रों के गीत बंद करने के लिए कहा।

उ. घारेगांव एवं अंधानेर के युवकों ने गणेशोत्व के उपलक्ष्य में हिन्दूसंगठन मेले का नियोजन किया।

ऊ. अनेक गांव में बच्चों ने संगठित होकर ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु प्रार्थना की।

सनातन प्रभात एवं सनातन संस्था के संदर्भ में लोगों का विश्‍वास !

श्री गणेशचतुर्थी के पूर्व एवं गणेशचतुर्थी के दिन साधकोंद्वारा अंक वितरण करते समय अनेक लोगों ने स्वयं आगे आकर कहा कि; क्या, ये सनातन का अंक है ? हमें दें, ऐसा कहकर अंक मांग कर लिए। कुछ लोगों को अंकों की जानकारी देने पर कहा कि, विषय कोई भी हो, परंतु सनातन का अंक अपने धर्म का है, यह महत्त्वपूर्ण है ! आगे गए लोग वापस आकर, ‘हमें अंक दें’ ऐसा कह कर अंक मांग लेते थे।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *