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धर्मांधाें के भय से प्रशासनाने बंगाल के गांव में दुर्गा पूजा के लिए अनुमति अस्वीकार की !
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धर्मांधाें के दहशत के कारण दुर्गा पूजा को अनुमती अस्वीकार करने के लिए बंगाल पाकिस्तानमें है या भारत में ? केंद्र सरकारने इस विषयमें हस्तक्षेप कर हिन्दुआेंको न्याय देना चाहिए, एेसी बंगाल के हिन्दुआेंकी अपेक्षा है – सम्पादक, हिन्दूजागृति
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित कांगलापहाड़ी गांव के हिन्दू मुसलमान परिवारों के विरोध के कारण इस साल भी दुर्गा पूजा का आयोजन नहीं कर सकेंगे। यह लगातार चौथा वर्ष है जब इस गांव की बहुसंख्यक हिन्दू जनसंख्या को दुर्गा पूजा के आयोजन से रोक दिया गया है। (गत ४ वर्षोंसे हिन्दुआेंको दुर्गापूजा के लिए अनुमती अस्वीकार करना यह राज्यघटनाद्वारा दिए गए धर्मस्वतंत्रता का होनेवाला दमन ही है ! राज्यघटना के अवमान पर जमीन-आसमान एक करनेवाले आधुनिकतावादी अब मुंह क्यों नहीं खोलते ? देशके हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनाें के लिए भी यह बात लज्जास्पद है ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति)
डेली मेल के इस रिपोर्ट के अनुसार, गांव में ही रहने वाले कुछ मुस्लिम परिवारों को दुर्गा पूजा से आपत्ति है, और यही वजह है कि प्रशासन ने यहां दुर्गा पूजा का आयोजन प्रतिबंधित कर रखा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कांगलापहाड़ी गांव में रहने वाले लोगों को दुर्गा पूजा देखने के लिए दूसरे गांव में जाना पडता है। यही वजह है कि यहां रहने वाले ३०० हिन्दू परिवारों ने गांव में ही दुर्गा पूजा आयोजन की परम्परा शुरू करने का निर्णय लिया। ग्रामीणों ने इसके लिए जमीन दान दिया और मंदिर निर्माण का काम शुरू किया गया। दुर्गा पूजा के लिए प्रतिमा निर्माण भी शुरू हो गया, किंतु इसी गांव में रहने वाले करीब २५ मुस्लिम परिवारों को दुर्गा पूजा के आयोजन का निर्णय पसंद नहीं आया। उन्होंने इसका विरोध किया और प्रशासन से इस बारे में शिकायत की। इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दुर्गा पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी। दुर्गा पूजा पर रोक लगाने की वजह को कानून-व्यवस्था का मामला बताया गया है।
साथ ही दुर्गापूजा के लिए गांववालों ने सिद्ध की हुर्इ दुर्गादेवी की मूर्तियां आधी-अधूरी अवस्था में पडी हुर्इ है ।
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल भी ग्रामीण प्रशासन के सामने गुहार लगा रहे हैं। ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल एसपी से लेकर SDM तक मिल चुका है, किंतु धर्मांधों के भय से प्रशासन उन्हें दुर्गा पूजा की अनुमति नहीं दे रहा है। रिपोर्ट में बीरभूम के पुलिस अधीक्षक एन. सुधीर कुमार के हवाले से बताया गया है कि अब तक उनके सामने इस तरह का कोई मामला नहीं आया है।
वहीं, दूसरी तरफ कांगलापहाड़ी दुर्गा मंदिर कमेटी के चंदन साउ बताते हैं कि इस बारे में १ सितंबर को जिला पुलिस अधीक्षक और जिलाधीश के समक्ष अपील की गई थी। २३ सितंबर, यानि दो दिन पहले ही इस बारे में दूसरी बार अपील की गई, किंतु अब तक प्रशासन की आेर से कोई उत्तर नहीं मिल सका है।
स्त्रोत : इण्डिया टुडे