स्वयं को निधर्मी दिखाने हेतु राज्यशासन जिस प्रकार ईसाईयों को अनुकूल होनेवाले निर्णय लेता है, उस प्रकार से हिन्दुओं के लिए श्री. प्रमोद मुतालिकपर लगाए गए प्रतिबंध को क्यों नहीं उठाता ?
- पुलिस से प्राप्त ब्यौरे के आधारपर प्रतिबंध बढाया !
- श्री. प्रमोद मुतालिक पर लगाए गए प्रतिबंध का यह तिसरा वर्ष !
राज्य में तालिबानी प्रमुख का आना-जाना चलता है, आतंकि यासिन भटकळ का वास्तव्य करना चलता है; परंतु गोवा शासन को निरपराध एवं प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. प्रमोद मुतालिक के नाम की ‘पीलिया’ हुई है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
पणजी : श्रीराम सेनाध्यक्ष तथा प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. प्रमोद मुतालिक तथा उनके सहयोगियोंपर गोवा में प्रवेश करनेपर लगाए गए प्रतिबंध को राज्य के भाजपा शासन ने १५ जनवरीतक बढा दिया है ! प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. मुतालिक पर लगाए गए प्रतिबंध का यह तिसरा वर्ष है !
प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. प्रमोद मुतालिक तथा उनके सहयोगियोंपर सबसे पहले १९ अगस्त २०१४ को ६ माह के लिए गोवा में प्रवेश करनेपर प्रतिबंध लगाया गया था तथा उसके पश्चात हर ६ माह पश्चात इस प्रतिबंध में बढोत्तरी की जा रही है !
१९ अगस्त २०१६ को श्री. मुतालिक पर लगाए गए प्रतिबंध को २ वर्ष पूरे हो गए हैं। श्री. मुतालिक पर लगाया गया वर्तमान प्रतिबंध १५ सितंबर को समाप्त हुआ था। गृह विभाग के अपर सचिव श्री. रोहन कासकर ने नए सिरे से आदेश निकालकर श्री. मुतालिक पर गोवा राज्य में प्रवेश करने पर होनेवाले प्रतिबंध को १५ जनवरी २०१५ तक बढाया है। आपराधिक संहिता कानून १९७५ के अंतर्गत धारा १४४ में व्याप्त प्रावधान का उपयोग कर राज्य शासनद्वारा इस प्रतिबंध को ४ माह के लिए बढा दिया गया है।
उत्तर एवं दक्षिण गोवा के पुलिस अधीक्षकोंद्वारा दिए गए ब्यौरे में श्री. मुतालिक पर लगाए गए प्रतिबंध की अवधि बढाने की आवश्यकता का प्रतिपादन करने से शासन ने यह निर्णय किया है। राज्य शासन के आदेश में ऐसा कहा गया है कि, ‘इस प्रतिबंध को दूर करने से राज्य में धार्मिक विवाद उत्पन्न हो सकता है, साथ ही धार्मिक एकता संकट में पड सकती है तथा राज्य की जनता के मन में भय उत्पन्न हो सकता है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात