नर्इ देहली – उत्तर प्रदेश के मेरठ में गांधी जयंती के अवसर पर अखिल भरतीय हिंदू महासभा ने नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगाई। इस दौरान महासभा ने भाजपा से कहा कि, वह विनायक दामोदर सावरकर और नाथू राम गोडसे के बीच भेदभाव न करें। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने नथुराम गोडसे की मूर्ति लगाते हुए गांधी जयंती को धिक्कार दिवस के रुप में मनाया। हिंदू संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा ने गोडसेजी को देश का ‘नेता’ घोषित करते हुए कहा कि, हम उम्मीद करते हैं कि भाजपा सरकार नाथूराम गोडसे के बलिदान को समझेगी और उन्हें स्वतंत्रतावीर सावरकर की तरह ही उसकी सराहना भी करेगी।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के नेता ने कहा कि, राजनैतिक अवसरवाद के चलते दलों में गोडसेजी की विरासत को स्वीकार करने की हिम्मत नहीं है। यदि मोदी सरकार सावरकरजी की सराहना करती है और हर वर्ष उनकी संसद में लगी फोटो पर माला चढ़ाती है तो उन्हें गोडसेजी के योगदान को भी ध्यान रखना चाहिए। दोनों के बीच किसी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए क्योंकि सावरकरजी और गोडसेजी एक ही विचारधारा के थे।
इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े सदस्य ने कहा कि, मोदी सरकार की ओर से एलओसी के उस पार किए गए सर्जिकल स्ट्राइक की प्रतिक्रिया गोडसेजी की विचारधारा से उपजी है न कि गांधीजी की विचारधारा से।
महात्मा गांधी की विचारधारा के कारण ही भारत, चीन के साथ युद्ध हार गया था।
स्त्रोत : जनसत्ता