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गांधीजी के कारण ही देश में हरा आतंकवाद फैला – श्री. अजयसिंह सेंगर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, महाराणा प्रताप बटालियन

महाराणा प्रताप बटालियन की ओर से पत्रकार परिषद का आयोजन

पत्रकार परिषद में, बाईं ओर से श्री. प्रियेश जयस्वाल, अधिवक्ता श्री. ईश्‍वरप्रसाद खंडेलवाल, श्री. अजयसिंह सेंगर एवं श्री. संभाजी कावीर
पत्रकार परिषद में, बाईं ओर से अधिवक्ता श्री. ईश्‍वरप्रसाद खंडेलवाल, श्री. अजयसिंह सेंगर एवं श्री. संभाजी कावीर

मुंबई : देश के विभाजन के समय मुसलमानों को पाकिस्तान दिया गया। उस समय केवल गांधीजी के कारण ही मुसलमान भारत में रह गए ! उसके फलस्वरूप आज देश में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ की घोषणाएं दी जाती हैं तथा आतंकी कार्रवाईयां हो रही हैं। गांधीजी के कारण ही देश में हरा आतंकवाद फैला ! महाराणा प्रताप बटालियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. अजयसिंह सेंगर ने ऐसा प्रतिपादन किया।

भारत शासन की ओर से २ अक्तूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है।

इस दिवस को एक ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया जाना चाहिये। महाराणा प्रताप बटालियन की ओर से २ अक्तूबर को ‘काला दिवस’ मनाकर, पनवेल के पृथ्वी सभागृह में सुबह ८ बजे निषेध व्यक्त किया जानेवाला है।

इसकी जानकारी देने हेतु महाराणा प्रताप बटालियन की ओर से इस पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया था। इस समय व्यासपीठ पर लष्कर-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. ईश्‍वरप्रसाद खंडेलवाल, हिन्दू राष्ट्रसेना के श्री. प्रियेश जयस्वाल तथा धर्माभिमानी श्री. संभाजी कावीर उपस्थित थे।

इस समय श्री. अजयसिंह सेंगर ने कहा कि, गांधीजी के कारण देश के टुकडे हुए। विभाजन के समय पाकिस्तान से भारत आनेवाले २७ लाख हिन्दुओं की निर्मम हत्या की गई। गांधी ही इन हत्याओं के लिए उत्तरदायी हैं। नथुराम गोडसे ने राष्ट्रहित हेतु ही गांधी की हत्या की। गांधी इस देश के ‘राष्ट्रपिता’ नहीं हैं। उनको किसी ने ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि नहीं दी है, न ही शासनद्वारा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि दी गई है तथा न कोई पदक दिया गया है। इसलिए देश में स्थापित गांधी के सभी पुतले हटाये जाने चाहिये !

राष्ट्रहित हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही आवश्यक ! – श्री. ईश्‍वरप्रसाद खंडेलवाल

किसी भी व्यक्ति को भारतमाता के ‘पति’ का दर्जा नहीं दिया जा सकता। गांधी की हत्या करनेवाले नथुराम गोडसे को अपराधी ठहराकर गांधी का उदात्तीकरण किया गया। गांधी ने देश को नपुंसक बनाया। भारतीय समाज के लिए गांधी नहीं, अपितु नथुराम गोडसे पूजनीय हैं !

देश को नपुसंक बनानेवाला नहीं; अपितु तेजस्वी इतिहास सिखाया जाना चाहिए। जबतक ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना नहीं होगी, तबतक देश में तेजस्विता नहीं आएगी। राष्ट्रहित के लिए ‘हिन्दू राष्ट्र’ आवश्यक है !

…अन्यथा देश में बाबर और लादेन बढेंगे ! – श्री. प्रियेश जयस्वाल

स्वयं प्रभु श्रीरामजी ने इस भूमि को जननी माना। देश की सेवा करनेवाला हरएक नागरिक इस भूमि को मातृभूमि मानता है, तो गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ क्यों कहा जाता है ? देश के लिए नथुराम गोडसे जैसे देशभक्त की आवश्यकता है। इस प्रकार से राष्ट्रभक्ती को जागृत नहीं रखा, तो इस देश में बाबर और लादेन बढेंगे !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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