श्री दुर्गामाता दौड का प्रथम दिन
सांगली : श्री दुर्गामाता मंदिर के सामने प्रथम दिन पर दौड के लिए सांगली विधानसभा मतदारसंघ के विधायक श्री. सुधीर गाडगीळ के साथ अधिक संख्या में धारकरी भी उपस्थित थे। उस समय श्री शिवप्रतिष्ठान के संस्थापक पू. संभाजीराव भिडे (गुरुजी)ने धारकरियों को मार्गदर्शन किया।
अपने मार्गदर्शन में उन्होंने बताया कि, ‘आज हिन्दू समाज को धर्म, संस्कृति के संदर्भ में कुछ लेन-देन नहीं है, वह संकुचित वृत्ति का हुआ है। ‘राष्ट्रीयत्व’ की वृत्तिवाला हिन्दू समाज निर्माण करना, यह हमारा उद्देश्य है !
यह उद्देश्य हम छत्रपति संभाजी महाराजद्वारा दिखाए गए पथ पर मार्गक्रमण कर साध्य कर सकते हैं। इसके लिए श्री दुर्गामाता हमें शक्ति प्रदान करें, इस मांग के लिए हम यहां उपस्थित है !’
क्षणिकाएं
१. प्रारंभ में एक धारकरी ने ‘लववेना हे शीर माते’ यह गीत प्रस्तुत किया।
२. उरी आक्रमण में वीरगती प्राप्त सैनिकों को तथा श्री दुर्गामाता मंदिर के प्रमुख कै. मदनलाल नावंधर को श्रद्धांजली अर्पित की गई।
३. पू. भिडेगुरुजीद्वारा गाया गया ‘हे हिन्दू राष्ट्र करण्या …’ इस गीत ने सभी लोगों में राष्ट्रप्रेम जागृत हुआ !
मिरज में रणरागिणी शाखा की ओर से दौड का स्वागत !
मिरज : यहां ब्राह्मणपुरी के श्री अंबामाता मंदिर के पास रणरागिणी शाखा ने औक्षण कर दौड का स्वागत किया।
रणरागिणी शाखा की श्रीमती अंजली जोशी, सनातन संस्था की कु. प्रतिभा तावरे, श्रीमती कल्पना थोरात, श्री. गिरीश पुजारी, साथ ही अन्य धर्माभिमानी भी उपस्थित थे। उस समय सर्वश्री विनायक माईणकर, प्रसाद कुलकर्णी, बाळासाहेब विभूते, सुनील ढोबळे, विनायक कुलकर्णी, भाजपा के सर्वश्री तानाजी घार्गे, सचिन चौगुले, साथ ही सर्वश्री संतोष लामदाडे, धनंजय सातवेकर, शुभम भोरे के साथ अन्य धर्माभिमानी भी उपस्थित थे।
शिवतीर्थ से आरंभ हुई यह दौड श्री अंबामाता मंदिर के पास समाप्त हुई।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात