११३ वर्ष पूर्व विदेशी सत्ताद्वारा बंद किया गया हिन्दुओं का मंदिर खोलने हेतु अभी भी हिन्दुओं को आंदोलन करना पडता है, हिन्दुओं के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है !
हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा देहली के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मुख्यालय के सामने धरना आंदोलन
नई देहली : हाल-ही में यहां के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मुख्यालय के सामने अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. चंद्र प्रकाश कौशिक के नेतृत्व में श्री दारा सेना एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा कोणार्क सूर्यमंदिर खोलने की मांग को लेकर धरना आंदोलन किया गया।
इस अवसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महासंचालक श्री. राकेश तिवारी एवं संस्कृति मंत्री श्री. महेश शर्मा को ज्ञापन प्रस्तुत कर कोणार्क सूर्यमंदिर त्वरित खुला करने की मांग की गई।
इस समय उपस्थितों को संबोधित करते हुए श्री दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. मुकेश जैन ने कहा कि, उडिसा में पुरी के समीप स्थित सूर्यमंदिर भगवान श्रीकृष्ण के सुपुत्र साम्बद्वारा स्थापित किया गया था। दिव्य शक्तिवाले इस मंदिर को वर्ष १९०३ में अंग्रेजों ने रेती भर कर बंद कर दिया था; क्योंकि इस मंदिर की दिव्य तांत्रिक शक्ति अंग्रेजों के सागरी जहाजों को डूबो दे रही थी। इस मंदिर को बंद करने के उपरांत ही अंग्रेजों को कोलकाता तक सीमित उनकी सत्ता पूरे देश में फैला कर वर्ष १९११ में देहली को राजधानी बनाने में सफलता मिली थी !
ओजस्वी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी ओमजी ने कहा कि, इस मंदिर को बंद करने के उपरांत उडिसा, बंगाल आदि राज्यों के साथ पूरे पूर्वोत्तर प्रदेशों में निर्धनता एवं भूखमरी फैल गई थी। नागालैंड के हिन्दू राजा जादोनंद को फांसी पर लटका कर अंग्रेजोंद्वारा सभी नागा लोगों को बलपूर्वक ईसाई बनाया गया।
अतः पुनर्वैभव प्राप्त करने हेतु इस मंदिर को खोलना करना आवश्यक है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात