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महान ‘हिन्दू धर्म’ के कारण ही विविध देशों के लोगों को भारत में आश्रय मिला ! – कु. प्रणीता सुखटणकर

केरल के आलापुझा जिले में अंतरधर्मीय सलोखा बैठक में हिन्दू जनजागृति समिति का सहभाग

आलापुझा (केरल) : केरल राज्य के तीन जिलों की किनारपट्टी के क्षेत्र में कार्य करनेवाले विन सेंटर सामाजिक संगठन के २५ वें वर्धापन दिवस के कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति को निमंत्रित किया गया था।

‘हिन्दू धर्म’ के एक प्रतिनिधि के रूप में हिन्दू जनजागृति समिति की कु. प्रणीता सुखटणकर ने ‘लोक: समस्थ सुखिनो भवन्तु’ इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। हिन्दू धर्म के अनुसार उन्होंने, साधना करने के विविध मार्ग विशद किए। इस कार्यक्रम में लगभग ८०० से भी अधिक लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर ईसाई एवं इस्लाम धर्म के प्रतिनिधियों को भी निमंत्रित किया गया था।

कु. प्रणीता सुखटणकर ने भारत के वैभवशाली इतिहास के विषय में बताते हुए कहा कि, उस समय भारतियों ने नि:संदेह अलग अलग देशों के लोगों का स्वीकार किया। भारत में विद्यमान ‘हिन्दू धर्म’ के कारण यह संभव हुआ। अनेक इतिहासकारों ने भारत एवं हिन्दू धर्म के संदर्भ में विचार प्रस्तुत किए। वर्तमान समाज में जो अस्थिरता दिखाई देती है, उसे ‘धर्माचरण एवं साधना का अभाव’ ही कारणभूत है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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