चेन्नई में हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा विशेष सत्संग !
चेन्नई : कोलतुर, चेन्नई में २७ सितंबर को विवेकानंद निवासी संस्था की ओर से ‘तिरुपति कोडै’ के उपलक्ष्य में आयोजित अन्नदान कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा सत्संग आयोजित किया गया।
प्रतिवर्ष भक्तगण श्री तिरुपति बालाजी को कोडै अर्थात सुशोभित छत्र अर्पण करते हैं। इस छत्र को लेकर जाते समय मार्ग में आनेवाले मंदिरों में अथवा सार्वजनिक स्थानों पर उसकी पूजा की जाती है एवं उस स्थान पर अन्नदान समान कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसा ही एक कार्यक्रम कोलतुर में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती सुगंधी जयकुमार एवं श्रीमती उमा रविचंद्रन इन्होंने सत्संगद्वारा मार्गदर्शन किया।
उन्होंने आचारधर्म, साधना, पितृपक्ष का महत्त्व एवं नवरात्रि आदि ग्रंथों की प्रदर्शनी भी लगाई थी।
इस कार्यक्रम के आयोजकों में एक उद्योजक ने सनातन के ५०० तामिल पंचांग पुरस्कृत करने की सिद्धता दर्शाई !
क्षणिकाएं
१. कार्यक्रम के स्थान पर ध्वनिवर्धक की सुविधा उपलब्ध की गई थी। ध्वनिवर्धकद्वारा सत्संग के प्रवचन के शब्द सुनाई देने पर पडोस की कुछ महिलाएं कार्यक्रम स्थल पर आर्इं। दो गृहिणियों को विषय बहुत अच्छा लगा एवं उन्होंने सभी ग्रंथ क्रय करने की इच्छा व्यक्त की।
२. एक गुजराथी महिला काम से लौटते समय पीठदर्द का कष्ट होने के कारण डॉक्टर से मिलने जा रही थी। इतने में वह सत्संग के स्थान पर पहुंची एवं कुछ समय वह प्रवचन सुनने हेतु वहां बैठी। उसने कहा कि, प्रवचन सुनने पर कुछ मिनिटों में ही उसका पीठदर्द पूरी तरह से गायब हो गया !
३. वहां के मंदिर के पूजारी को स्वयं की कुलदेवता ज्ञात न रहने से किस देवता का जप करना इसकी जानकारी नहीं थी। इस विषय में संदेह होने के कारण उपस्थित भक्तों में एक ने सत्संग में पूछने पर उस समय दिए गए उत्तर से पूजारी का भी शंका निरसन हुआ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात