हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से शिरवळ (जिला सातारा) में व्याख्यान का आयोजन
शिरवळ (जिला सातारा) : प्राचीन काल से धर्माचरण, संस्कृति का जतन, समाज संगठन एवं साधना के रूप में सार्वजनिक त्यौहार मनाए जाते थे; परंतु आज के दिन सार्वजनिक त्यौहारों को एक विकृत स्वरूप प्राप्त हुआ है।
त्यौहार में फ़िल्मी गीतोंपर अश्लील अंगविक्षेप करते हुए गरबा खेलना, मदिरापान, व्याभिचार, बलपूर्वक चंदा वसूलना, दीपोत्सव हेतु पैसों का व्यय, जुआ खेलना जैसे अनेक अपकृत्यों के कारण त्यौहार की पवित्रता नष्ट हो रही है। इन अपकृत्यों को रोककर त्यौहारों को यदि धार्मिकता के साथ एवं भाव के स्तरपर मनाए गए, तभी त्यौहार में व्याप्त पवित्रता अबाधित रह सकेगी। साथ ही उत्सव में व्याप्त आनंद का अनुभव होगा ! प्रा. विठ्ठल जाधव ने १ अक्तूबर को यहां के मंडी बस्ती में स्थित मंडईमाता नवरात्रोत्सव मंडल में आयोजित व्याख्यान में संबोधित करते हुए ऐसा प्रतिपादन किया।
इस अवसरपर समिति के श्री. सोमनाथ राऊत, श्रीमती छाया पवार तथा ३५ धर्मप्रेमी उपस्थित थे।
क्षणचित्र
१. इस समय मंडल के कार्यकर्ताओं ने नवरात्रोत्सव में एक दिन के लिए धर्मशिक्षा फलक प्रदर्शनी लगाने के लिए कहा।
२. मंडलद्वारा नवरात्रोत्सव विशेषांक तथा सनातनद्वारा निर्मित ‘आरती संग्रह’ इस लघुग्रंथ का क्रय किया गया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात