पुलिस को अपराध प्रविष्ट करने के लिए हिन्दुओं ने विवश किया !
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आरोपी धर्मांध मंदबुद्धि होने का मुसलमानों का बहाना
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धर्मांधोंद्वारा बार-बार होनेवाली हिन्दू देवताओं के अनादर की घटनाओं को रोकने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ चाहिए !
पुणे : ५ अक्तूबर को नवरात्रोत्सव में ही यहां के लोहिया नगर क्षेत्र के जय तुळजाभवानी मित्रमंडलद्वारा स्थापित देवी की मूर्ति का धर्मांध सय्यद परवेज एवं सय्यद गुलाम नबीद्वारा (आयु १९ वर्ष) अनादर किया गया। यह ज्ञात होते ही स्थानीय धर्माभिमानी हिन्दू श्रद्धालुओं ने बडी संख्या में संघटित होकर धर्मांध को पकड कर उसे पुलिस को सौंपा !
प्रारंभ में स्थानीय धर्मांधों ने देवी की मूर्ति का अनादर करनेवाला युवक मंदबुद्धि, साथ ही नशे में होने का बहाना बनाया; परंतु हिन्दुओं ने इस प्रकरण में संगठित होकर पुलिस को अपराध प्रविष्ट करने के लिए बाध्य किया। देर रात सैकडों हिन्दू पुलिस थाने के पास इकट्ठे हुए थे। इस प्रकरण के अंतर्गत धर्मांध के विरोध में अपराध प्रविष्ट किया गया है।
१. ५ अक्तूबर की रात ८.३० से ९ बजे की अवधि में मंडल के कार्यकर्ता अल्पाहार करने हेतू घर गए थे। इसका अपलाभ उठाकर धर्मांध सय्यद देवी के मंडप में चढ गया।
२.उसने देवी की मूर्ति पर विद्यमान आभूषण निकाल लिए, साथ ही मूर्ति के हाथ में स्थित त्रिशुल निकाल लिया।
३. इसे देखकर स्थानीय हिन्दू वहां दौडे आए तथा उन्होंने देवी की मूर्ति पर लात मारने के प्रयास में धर्मांध सय्यद को पकड कर पीटा। उसको पुलिस के हाथ में देने के पश्चात बडी संख्या में संघटित श्रद्धालुओं ने देवी की महाआरती की।
स्थानीय पुलिस अधिकारीद्वारा हिन्दुओं पर दादागिरी !
इस वर्ष की नवरात्रि में लोहिया नगर पुलिस थाने के एक पुलिस अधिकारी ने मंडल के कार्यकर्ताओं पर दादागिरी दिखाते हुए रात ९.४५ बजे दांडिया का कार्यक्रम बंद करने के लिए कहा। गणेशोत्सव के समय में भी मंडल के एक पदाधिकारी को उसकी चूक न होते हुए भी डांटा गया था। गणेश मंडल की ओर से जिस स्थान पर मंडप खडा किया था, उसी स्थान पर एक मुसलमानद्वारा गराज खोला गया था। उस स्थान पर गणेश मंडल का मंडप खडा करने के विषय पर पुलिस ने आपत्ति दर्शाई। कार्यकर्ताओंद्वारा दादागिरी करनेवाले ऐसे पुलिस अधिकारी का स्थानांतरण
करने की मांग की गई थी। (हिन्दुओं, आपको व्यर्थ ही कष्ट पहुंचानेवाले ऐसे पुलिसकर्मियों का उनके वरिष्ठ अधिकारियों से परिवाद करें ! हिन्दुओं को व्यर्थ ही कष्ट पहुंचानेवाले पुलिस अधिकारियों का स्थानांतर किया गया, तो वो वहां जाकर वहां के हिन्दुओं को भी इसी प्रकार से कष्ट पहुंचाएंगे। अतः हिन्दुओं को ऐसे हिन्दूद्वेषी पुलिस अधिकारियों का स्थानांतरण करने की मांग करने की अपेक्षा उनको निलंबित कर उनपर वैधानिक कार्रवाई होने हेतु आवाज उठानी चाहिए, तभी हिन्दुओं को व्यर्थ कष्ट पहुंचानेवाले पुलिसकर्मियों पर धाक जमेगी ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
पुलिसद्वारा मंदिर को सुरक्षा देने की मांग की उपेक्षा
विशेषतापूर्ण बात यह कि २-३ दिन पूर्व ही कार्यकर्ताओं ने पुलिस के पास मंडल को सुरक्षा देने की मांग की थी; परंतु पुलिस ने उसकी अनदेखी की, ऐसा स्थानीय हिन्दुत्वनिष्ठों ने बताया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात