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स्वसरंक्षण प्रशिक्षण वर्ग में युवक-युवतियों ने सम्मिलित होकर स्वयंसिद्ध होना चाहिए – निवृत्त सैनिक लान्सनायक श्री. संदीप कुंभार

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से भू-राजापुर (जिला रत्नागिरी) में स्वसंरक्षण प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

बाईं ओर से श्री. संजय जोशी, श्री. वसंत दळवी तथा दीपप्रज्वलन करते हुए निवृत्त सैनिक लान्सनायक श्री. संदीप कुंभार
बाईं ओर से श्री. संजय जोशी, श्री. वसंत दळवी तथा दीपप्रज्वलन करते हुए निवृत्त सैनिक लान्सनायक श्री. संदीप कुंभार

भू (रत्नागिरी) : राजापुर तहसील के भू गांव के आचार्य नरेंद्र देव विद्यामंदिर के सभागृह में २ अक्तूबर को हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित स्वसंरक्षण प्रशिक्षण शिविर में निवृत्त सैनिक लान्सनायक श्री. संदीप कुंभार वक्तव्य दे रहे थे। अपने वक्तव्य में उन्होंने यह आवाहन किया कि, ‘वर्तमान में महिला तथा युवतियों पर होनेवाले अत्याचारों की मात्रा प्रतिदिन बढती जा रही है। कोपर्डी समान घटनाओं में हुए अत्याचार संतापजनक हैं ! ऐसी घटनाएं रोकने के लिए साहस, प्रसंगावधान तथा शारीरिक क्षमता बढाने की आवश्यकता है।

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से स्थान-स्थान पर आयोजित किए जानेवाले स्वसंरक्षण प्रशिक्षणवर्ग के माध्यम से ये गुण आप आत्मसात कर सकते हैं। समिति का कार्य प्रशंसनीय है। इस प्रशिक्षण वर्ग में अधिक संख्या में युवक-युवतियों ने सम्मिलित होकर अपनी रक्षा कैसे करें, यह सीखना चाहिए !’

उस समय व्यासपीठ पर समिति के जनपद समन्वयक श्री. संजय जोशी तथा स्वसंरक्षण प्रशिक्षण अभियान के रत्नागिरी विभाग समन्वयक श्री. वसंत दळवी उपस्थित थे। भू, तेरवण, पेंडखळे, खिणगिणी, कोतापुर तथा ओणी इन गावों के ६० से भी अधिक युवक-युवतियों ने इस शिविर का लाभ उठाया।

प्रशिक्षण शिविर में सम्मिलित युवक तथा युवतियां
प्रशिक्षण शिविर में सम्मिलित युवक तथा युवतियां

युवक-युवतियों को स्वसंरक्षण प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रतिकारक्षम बनना चाहिए ! – श्री. संजय जोशी

हिन्दू जनजागृति समिति के जनपद समन्वयक श्री. संजय जोशी ने आवाहन किया कि, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिन्दवी स्वराज्य स्थापित करने की शपथ आयु के सोलहवें वर्ष में ली। स्वातंत्र्य वीर सावरकरजी ने देश को स्वतंत्रता प्राप्त होने के लिए कुलदेवता की प्रतिमा के सामने ‘मारीता मारीता मरेता झुंजेन’ ऐसी प्रतिज्ञा आयु के १४वें वर्ष में की। जिस देश के युवक-युवतियों में राष्ट्र के प्रति अभिमान जागृत रहता है तथा किसी भी प्रकार का त्याग करने की सिद्धता रहती है, उस देश का भविष्य उज्ज्वल होता है !

‘धर्मांध’, भारत में आतंकवादी कार्रवाई करने के लिए छोटे बच्चों का तथा युवकों का उपयोग कर रहे हैं। इस संकट को दूर करने के लिए युवा पीढी को स्वसंरक्षण प्रशिक्षण के माध्यम से सिद्ध रहना चाहिए !

किसी भी प्रकार का कार्य सफल करने के लिए भगवंत का अधिष्ठान चाहिए ! – श्री. विनोद गादीकर

सनातन के श्री. विनोद गादीकर ने बताया कि, हम घर में किसी भी कार्य आरंभ करने से पूर्व ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, विद्द्यार्थी परीक्षा से पूर्व ईश्वर की प्रार्थना करते हैं। किसी भी प्रकार का कार्य सफल करने के लिए ईश्वर का अधिष्ठान होना चाहिए। हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना हेतु छत्रपति शिवराय को शक्ति, बुद्धि एवं पराक्रम करने का सामर्थ्य कुलदेवता श्री तुलजा भवानी के नामस्मरण से प्राप्त हुआ था !

हरएक व्यक्ति ने स्वसंरक्षण प्रशिक्षण प्राप्त करना, यही समय की आवश्यकता है ! – श्री. वसंत दळवी

समिति के श्री. वसंत दळवी ने बताया कि, पहले के राजा प्रजाहितदक्ष थे; किंतु वर्तमान की स्थिति इसके विपरीत है ! उसके कारण ही व्यक्ति, युवतियां एवं महिलाओं पर होनेवाले अत्याचारों की मात्रा बढ गई है। अतः हमें अपने परिवार, घर, उपनिवेश, गांव, समाज, राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा करने की आवश्यकता है। स्वसंरक्षण करना यह एक घटनादत्त प्राप्त ऐसा हमारा अधिकार है !

शिविर का सूत्रसंचालन श्री. महेश मांडवकर ने किया। स्वसंरक्षण तथा हम पर होनेवाले आक्रमण का प्रतिकार किस प्रकार कर सकते हैं, इसके प्रात्यक्षिक सर्वश्री वसंत दळवी, विनायक राऊत तथा कु. योगेश कांबळे, कु. महेंद्र मेस्त्री, कु. हेमंत कांबळे तथा कु. आशा दळवी ने प्रस्तुत किये।

विशेषताएं

१. आचार्य नरेंद्र देव विद्यामंदिर, भू, के अध्यापक-अभिभावक संघ के अध्यक्ष श्री. संजय सरफरे ने सभागृह उपलब्ध करवाया।

२. विद्यामंदिर के प्रभारी मुख्याध्यापक श्री. सूर्यकांत खोत ने प्रोजेक्टर उपलब्ध करवाया।

३. इस कार्यक्रम में पाठशाला के प्रभारी मुख्याध्यापक श्री. सूर्यकांत खोत, खिणगिणी के उपसरपंच श्री. विजय पाध्ये उपस्थित थे।

४. अल्पाहार तथा चायपान का प्रबंध सर्वश्री प्रकाश लोळगे तथा विठ्ठल म्हादये ने किया।

५. कु. योगेश कांबळे, कु. हेमंत कांबळे, कु. महेंद्र मेस्त्री, कु. नयन मेस्त्री इन पेंडखळे-निनावेवाडी के प्रशिक्षण वर्ग के युवकों ने इस शिविर की पूर्वसिद्धता की।

अभिप्राय

१. कु. कांचन सातोपे, पेंडखळे-सातोपेवाडी : इस बात का मुझे आनंद है कि, कराटे सीखने का मेरा सपना इस शिविर के कारण पूरा होगा !

२. कु. प्रज्ञा पेडणेकर, पेंडखळे-सातोपेवाडी : इस शिविर के कारण मैं अपनी रक्षा स्वयं कर सकती हूं। मैं कराटे सीखनेवाली हूं; इसलिए मुझे अब किसी से डरने की आवश्यकता नहीं है !

३. कु. वैदेही दुकले, पेंडखळे-वैतागवाडी : शिविर में सिखाई गई बातें मैं अपने भाई-बहन तथा पडोसियों को सिखाऊंगी !

४. कु. अर्पिता चव्हाण, तेरवण-थोरलीवाडी : कराटे के प्रशिक्षण प्राप्त कर मैं अपने परिवार में सिखाऊंगी। यदि हरएक व्यक्ति प्रशिक्षण प्राप्त करे, तो समाज में होनेवाले अत्याचारों की मात्रा अत्यंत अल्प होगी !

५. कु. प्रतीक निनावे, पेंडखळे-की निनावेवाडी : इस शिविर से यह बात ध्यान में आई कि, प्रशिक्षण प्राप्त करने की कितनी आवश्यकता है !

६. कु. दिव्या डांबरे, तेरवण-थोरलीवाडी : इस प्रकार के शिविर के कारण भविष्य में आनेवाला संकट टल जाएगा !

७. कु. वैष्णवी गुर्जर, कोतापुर-खडकवली : प्रशिक्षण का प्रसार हम हमारे गांव में करेंगे !

८. कु. दिव्या खानविलकर, तेरवण-थोरलीवाडी : हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य में सम्मिलित रहेंगे। प्रशिक्षण के संदर्भ में अन्य युवतियों को भी बताकर उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रवृत्त करूंगी !

९. कु. योगेश कांबळे, पेंडखळे-निनावेवाडी : मैं प्रशिक्षण सीख कर उसके लिए अधिक समय व्यतीत करने का प्रयास करूंगा !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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