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पुणे : नवरात्रि में लैंगिक विज्ञापन प्रकाशित करनेवाले टाइम्स ऑफ इंडिया के विरोध में तीव्र निदर्शन !

नैतिकता का विचार न कर अश्लील विज्ञापन प्रकाशित करनेवाले टाइम्स ऑफ इंडिया क्षमा मांगे – संतप्त हिन्दुत्वनिष्ठों की मांग

  • धर्मशिक्षण के अभाव के कारण संस्कृति का विकृत अर्थ करने का इस से दूसरा अनिष्ट उदाहरण नहीं होगा !

  • हिन्दुओं, धर्मशिक्षण प्राप्त कर धर्माचरण करें तथा धर्मविरोधकों को वैध मार्ग से संगठित रूप से प्रत्युतर दें !

निदर्शन करते हुए भारतीय संस्कृति संवर्धक समिति के कार्यकर्ता एवं अन्य धर्माभिमानी
निदर्शन करते हुए भारतीय संस्कृति संवर्धक समिति के कार्यकर्ता एवं अन्य धर्माभिमानी

पुणे : नवरात्रि के निमित्त दांडिया का संदर्भ देते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया ने १ अक्तूबर के दिन समाचारपत्रिका में लैंगिक उत्तेजना बढानेवाले ‘स्टे ऑन’ इस उत्पादन का रंगीन विज्ञापन प्रकाशित किया था।

इस विज्ञापन में, ‘जब आप दांडिया का विचार करते हैं, तो आप स्टे ऑन का विचार करें, ये गोलियोंद्वारा आप अपने पार्टनर को जोशपूर्ण नृत्य से आश्चर्यचकित कर सकते हैं !’ इस पद्धति का संदेश प्रकाशित किया गया था।

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नवरात्रि में दांडिया का लैंगिकता से संबंध जोडनेवाले इस विज्ञापन के विरोध में भारतीय संस्कृति संवर्धक समितिद्वारा ९ अतूबर के दिन यहां के गुडलक चौक पर निदर्शन किये गये। उस समय नैतिकता का विचार न कर अश्लील विज्ञापन प्रकाशित करनेवाले टाइम्स ऑफ इंडिया ने क्षमा मांगनी चाहिए, एेसी मांग की गर्इ !

इस अवसर पर डॉ. संदीप महिंद, श्री. तेजस काळे, समस्त हिन्दु अघाडी के श्री. मिलिंद एकबोटे, श्रीमती शुभांगी आफळे, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले तथा श्री. अभिजीत देशमुख के साथ अन्य संस्कृतिप्रेमी कार्यकर्ता उपस्थित थे। उस समय छत्रपति संभाजी महाराज के पुतले से टाइम्स ऑफ इंडिया के कार्यालय तक निषेध मोर्चा आयोजित किया गया। साथ ही उस समय ‘अश्लील विज्ञापन प्रकाशित करनेवाले टाइम्स ऑफ इंडिया का निषेध है’, ‘दुर्गामाता का विजय हो’ ऐसी घोषणाएं भी दी गई।

…तो तीव्र प्रत्युत्तर दिया जायेगा ! – श्री. मिलिंद एकबोटे

नवरात्रि के दांडिया का संदर्भ दे कर इस प्रकार का अश्लील विज्ञापन प्रकाशित कर टाइम्स समूह ने देवीमाता, भारतीय स्त्री तथा भारतीय संस्कृति का अनादर किया है। इस संदर्भ में टाइम्स ऑफ इंडिया ने क्षमा मांगनी चाहिए। यदि ऐसी गलती पुनः हुई, तो हिन्दुओं की ओर से तीव्र प्रत्युत्तर दिया जाएगा।

अन्य धर्मियों के संदर्भ में इस प्रकार का विज्ञापन प्रकाशित कर दिखाएं ! – डॉ. संदीप महिंद

समाचारपत्रिका की हिन्दुद्वेषी मानसिकता स्पष्ट करते हुए डॉ. संदीप महिंद ने यह चेतावनी दी कि, हिन्दुओं के संदर्भ में इस प्रकार के विज्ञापनं प्रकाशित करने का साहस यदि टाइम्स समूह में है, तो अन्य धर्मियों के संदर्भ में भी इस प्रकार के विज्ञापनं प्रकाशित कर दिखाएं !

संस्कृति का अनादर कदापि सहन नहीं करेंगे ! – श्री. तेजस काळे

उत्सव की कालावधी में ही इस प्रकार से उत्सव का अनादर करनेवाला विज्ञापन प्रकाशित करना अनुचित है। स्टे ऑन इस आस्थापन ने ऐसा विज्ञापन तयार कर हिन्दुओं की धार्मिक भावना आहत की है !

इतना ही नहीं, तो टाइम्स समूह ने भी आर्थिक लाभ हेतु यह विज्ञापन प्रकाशित कर अपना दायित्व अस्वीकार किया है। इस शहर की आयुक्त एक महिला होते हुए भी ऐसी गंभीर घटना अनुचित बात है। इस संदर्भ में टाइम्स ऑफ इंडिया ने संस्कृति हनन करनेवाला यह विज्ञापन प्रकाशित करने के संदर्भ में जाहिर क्षमा मांगनी चाहिए। संस्कृति का अनादर हिन्दू कभी भी सहन नहीं करेंगे !

लैंगिक उत्तेजना बढानेवाले उत्पादनों का विक्रय करनेवाले उत्पादनों पर पाबंदी डालें ! – श्री. अभिजित देशमुख, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. अभिजीत देशमुख ने यह मांग की है कि, नवरात्रि के समान धार्मिक त्योहार के निमित्त लैंगिक उत्तेजना बढानेवाले उत्पादनों का विक्रय करनेवाले उत्पादनों पर ही पाबंदी डालें !

साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि, हिन्दुओं की भावना आहत करनेवाले विज्ञापन प्रकाशित करनेवाले टाइम्स ऑफ इंडिया इस अपराध के संदर्भ में क्षमायाचना करें !

क्षणिका : आंदोलनस्थल पर गणवेश परिधान किए, साथ ही साधारण वेश परिधान किए हुए पुलिसकर्मी उपस्थित थे।

इसलिये, धर्मशिक्षण अनिवार्य !

गत कुछ वर्षों से यह स्पष्ट हुआ है कि, दांडिया को एक ‘विकृत’ स्वरूप प्राप्त हुआ है !

इन दिनों में गर्भप्रतिबंधक गोलियों के विक्रय में अधिक मात्रा में वृद्धि होने की बात भी उजागर हुई है। इस माध्यम से लव्ह जिहाद की घटनाएं बढ़ने के उदहारण भी सामने हैं। अब तो दांडिया के संदर्भ में भी ‘स्टे ऑन’ समान उत्पादों का विज्ञापन किया जा रहा है। धर्मशिक्षण के अभाव के कारण संस्कृति का विकृत अर्थ करने का इस से दूसरा अनिष्ट उदाहरण नहीं होगा !

यह स्थिती धर्मशिक्षण की अपरिहार्यता स्पष्ट करती है !

हिन्दुओं, धर्मशिक्षण प्राप्त कर धर्माचरण करें तथा धर्मविरोधकों को वैध मार्ग से संगठित रूप से प्रत्युतर दें !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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