बांग्लादेश में एक हिन्दू मंत्रीद्वारा ही हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता पर आक्रमण किया जाना, अर्थात वहां के हिन्दुओं का कोई भी ‘त्राता’ नहीं है, यह स्पष्ट होता है !
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बांग्लादेशी हिन्दुओं की ओर क्या, भारत सरकार अपना ध्यान देगी ?
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बांग्लादेश के मंत्री नारायणचंद्र चंदा पर आक्रमण करने का आरोप
ढाका : यहां के खुलना में मानवाधिकार कार्यकर्ता तथा बांग्लादेश मायनॉरिटी वॉच इस हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन के समन्वयक श्री. अमरेश गइन पर प्राणघातक आक्रमण किया गया। तत्पश्चात् उन्हें खुलना के वैद्यकीय महाविद्यालय के रुग्णालय में प्रविष्ट किया गया। यह आरोप लगाया गया है कि, इस आक्रमण के पीछे बांग्लादेश के मच्छीमार तथा पशु विभाग के मंत्री नारायणचंद्र चंदा का हाथ हैं !
१. इस आक्रमण के पश्चात अर्थात श्री. गइन की प्रकृति में सुधार होने के पश्चात उन्होंने दुमुरिया के पुलिस थाने में जाकर प्रथमदर्शी ब्यौरा (एफआयआर) प्रविष्ट करने का प्रयास किया।
२. इस घटना में एक मंत्री का सहभाग होने के कारण पुलिस ने अपराध प्रविष्ट करने से अस्वीकृति प्रदर्शित की।
३. बांग्लादेश मायनॉरिटी वॉच इस हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन के अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष ने दुमुरिया के पुलिस थाने के अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने की विनती की; किंतु पुलिस ने ध्यान ही नहीं दिया।
४. तत्पश्चात् श्री. गइन ने खुलना के प्रमुख न्यायदंडाधिकारियों के न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की। उस समय न्यायालय ने पुलिस को ही जांच करने के आदेश दिए।
५. इस बात का पता चला है कि मंत्री चंदा ने पुलिस तथा प्रशासन यंत्रणाओं पर दबाव डाल कर आक्रमणकर्ताओं को संरक्षण दिया था।
६. मंत्री चंदा ने अपने कार्यकाल में हिन्दुओें के लिए कुछ भी कार्य नहीं किया है। इस संदर्भ में उनके विरोध में अनेक परिवाद भी प्रविष्ट किए गए थे। इन परिवादों के संदर्भ में, मानवाधिकार कार्यकर्ता श्री. अमरेश गइन ने ध्यान दे कर एक जनआंदोलन छेड़ा है।
७. बांग्लादेश मायनॉरिटी वॉच इस हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन ने श्री. अमरेश गइन पर किए गए आक्रमण का निषेध प्रदर्शित किया है। साथ ही यह मांग भी की है कि, ‘अपराधियों को त्वरित बंदी बनाकर उन्हें कडा से कडा दंड देना चाहिए ! इस संदर्भ में, अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष ने कहा कि, पुलिसकर्मी तथा मंत्री चंदा की संदेहास्पद भूमिका की भी जांच करनी चाहिए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात