अडावद (जिला जलगांव) में श्री दुर्गादेवी मूर्ति विसर्जन की शोभायात्रा में घटी घटना
अन्य धर्मियों के त्यौहारों के समय में पुलिसकर्मी कभी इस प्रकार से बाधा, कभी उत्पन्न कर सकती हैं क्या ?
अडावद (जिला जलगांव) : यहां १३ अक्तूबर को श्री दुर्गादेवी मूर्ति विसर्जन की शोभायात्रा का प्रारंभ होने में विलंब होने से पुलिसकर्मियों ने नेहरू चौकपर ही रात के ११.३० बजे १५ मंडलों के वाद्य बजाना बंद कर दिए। (हर बार हिन्दुओं के त्यौहारोंपर ही बंधन क्यों ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) इसके कारण मंडलों के संतप्त कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों से डेढ घंटेतक विवाद किया। अंततः रात के १ बजे शोभायात्रा समाप्त हुई।
१. इस शोभायात्रा का आरंभ दोपहर २ बजे होना अपेक्षित था; परंतु वह सायंकाल ५ बजे आरंभ हुई। मंडलों की संख्या अधिक होने से नियोजन करते समय पुलिसकर्मियों को भागदौड करनी पडी; इसलिए उन्हों ने वाद्य बंद करने का निर्णय किया। (मंडलोंकी संख्या अधिक थी, तो पुलिसकर्मियों ने उसका पहले ही नियोजन क्यों नहीं किया ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. इन सभी दुर्गोत्सव मंडल तथा वाद्य बजानेवालों को धारा १४९ के अनुसार नोटिस दिए गए हैं। (हिन्दुओं, आपपर अन्याय करनेवाले पुलिसकर्मियों की उनके वरिष्ट अधिकारियों से परिवाद करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
समाचार पत्र स्वातंत्र्य का दमन करनेवाले पुलिसकर्मी कानून-सुव्यवस्था कैसे रखेंगे ?
पुलिसकर्मियों की पत्रकारों पर ही दादागिरी !
नेहरू चौकपर पुलिस उपअधीक्षक सदाशिव वाघमारे के कार्यालय में नियुक्त पुलिस हवलदार शिवाजी बाविस्कर, पुलिस वाहन का चालक तस्लिम खान ने पत्रकारों से विवाद किया। पुलिसकर्मियों ने पत्रकारों के साथ दादागिरी की भाषा की।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात