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प्राणघातक आक्रमण के कारण अनेक हिन्दू घायल
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घरों और वाहनों की तोडफोड
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आभूषण एवं धन की चोरी
अकोला : चांगेफळ पैसाळी गांव के हिन्दुओं के घरोंपर १४ अक्तूबर के प्रातः ६ बजे सभी लोगों के नींद में होने के समय १५० से भी अधिक बौद्ध पुरुष एवं महिलाओंद्वारा सशस्त्र आक्रमण किया गया। इस समय आक्रमणकारी बौद्धों की भीड अत्यंत क्षुब्ध थी !
इसमें अनेक हिन्दू घायल हो गए हैं तथा हिन्दुओं की सभी स्तरोंपर बहुत हानि हुई है। हिन्दू अपने बच्चों एवं महिलाओं समेत अपने घरों से भाग गये; इसलिए संभावित अनर्थ टल गया। इस संदर्भ में भोंपुद्वारा सूचना दे कर उनको भडकाया गया था, ऐसा समाचार प्रकाशित हुआ है ! दंगेखोरों की संख्या तथा बडी मात्रा में हुआ पथराव को देखते हुए यह दंगा पूर्वनियोजित होने का सिद्ध हो रहा है। अब इस क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति है !
चांगेफळ पैसाळी एवं सुकळी पैसाळी इन दो गांवों के बीच के मार्गपर ग्रामवासी धार्मिक कार्यक्रम मनाते हैं। इसी मार्गपर सुकळी पैसाळी के एक युवक की मांस बिक्री की दुकान से मांस के साथ मदिरा की भी बिक्री किए जाने के कारण वहां से आनेजानेवाली महिलाओं के साथ छेडखानी की घटनाएं बढ गई हैं। अतः चांगेफळ पैसाळी की महिलाओं ने नवरात्रोत्सव में उस दुकान को बंद करने के लिए बाध्य किया था। इसी कारण से प्रारंभ विवाद के कारण, साथ ही सुकळी पैसाळी में लगाए गए शुभकामना के फलकपर अंकित महापुरुष के प्रतिमापर स्याही फेंककर उनका अनादर हुआ ऐसा का कारण बताकर हिन्दुओंपर यह आक्रमण किया गया।
जब यह दंगा हो रहा था, तब वहांपर पुलिसकर्मी आए थे; परंतु दंगाईयों ने पुलिसपर हावी हो कर दंगा चालू ही रखा। दंगाईयों ने पुलिसकर्मियों से धक्कामुक्की भी की। (दंगे में मार खानेवाले और दंगे को रोक न सकनेवाली पुलिस किस काम की ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) तत्पश्चात राज्य राखीव दल को बुलाए जानेपर स्थितिपर नियंत्रण पाना संभव हुआ। यहां २ दिनों के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए गए हैं। इस प्रकरण के अंतर्गत पुलिस ने ४५ आरोपियों को बंदी बनाया है। ७० से भी अधिक बौद्ध लोगोंपर पुलिस थाने में अपराध प्रविष्ट किए गए हैं। अकोला के पालकमंत्री तथा गृहराज्यमंत्री श्री. रणजीत पाटिल, साथ ही विविध राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने घटनास्थल का भ्रमण किया है। सर्वेक्षण में २२ घरों को क्षति पहुंचाने की बात कही गई है। इन दंगापीडितों को शासन की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी।
बौद्धोंद्वारा की गई बडी हानी
बौद्धों ने चांगेफल पैसाळी गांव के केवल हिन्दू पुरुष, महिलाएं, वृद्ध ही नहीं, अपितु छोटे बच्चों को भी नहीं छोडा !
आक्रमणकारियों ने बडी मात्रा में पथराव किया। हिन्दुओंपर प्राणघातक आक्रमण कर उनको घायल किया। इसमें १० लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। नागरिकों से मारपीट करते समय उनसे अश्लील भाषा में गालीगलौज भी की गई। उन्हों ने हिन्दुओं के पशुओं से भी मारपीट की तथा यहां के घरों की बडी मात्रा में तोडफोड की। दंगाईयों ने घर में स्थित वस्तूएं, साथ ही वाहनों की भी तोडफोड कर उनको बडी मात्रा में क्षति पहुंचाई। घरों के छप्पर, आंगन, दीवारें, द्वार एवं खिडकियों को तोडकर दंगाईयों ने हंगामा मचाया !
उन्हों ने घर की वस्तूएं बाहर निकाली तथा बिजली के मीटर तोड दिए। आक्रमणकारियों ने महिलाओं के गलें में स्थित आभूषणों को लूट लिया, साथ ही घर में रखे हुए आभूषण तथा नकद राशि की भी चोरी की। दंगाईयों के आक्रमण से स्वयं का तथा छोटे बच्चों के प्राणों की रक्षा हेतु एक महिला घेरे को तोडकर अपने बच्चे को लेकर भाग गई। एक किसान ने अपने आंगन में २० बोरियों में सोयाबीन रखा हुआ था । उसपर दंगाईयों ने पानी डाल दिया।
इन सभी घटनाओं के कारण ग्रामवासियों के मन में इतना भय बैठ गया की, वो सभी देर रात पश्चात भी घर लौटने के लिए सिद्ध नहीं थे। शुक्रवार को गांव के किसी भी व्यक्ति ने भोजन नहीं किया। दंगाईयों ने इस दंगे का चित्रिकरण करनेवाले युवक से मारपीट कर उसका भ्रमणभाष तोड दिया !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात