आश्विन शुक्ल पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६
बिजयनगर (राजस्थान) – संस्कारोंसे ही लव जेहाद जैसे भयावह हालात पर काबू पाया जा सकता है। अाज की नई पीढ़ी में संस्कारों के अभाव में ऐसे हालात उत्पन्न हो रहे है। आचार्य प्रवर यशोर|सूरि मसा गुरूवार को संभवनाथ जैन मंदिर में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जिस तरह अग्नि और घी कभी साथ नहीं रह सकते, बाद महज धन कमाने के फेर में हम कुछ भी करने काे तैयार है। गृह लक्ष्मी को भी घर पर रखने के बजाय धन कमाने के लिए सर्विस आदि में भेजने पर संकोच नहीं करते। आचार्य प्रवर ने कहा कि ब्रह्मचर्य की सुरक्षा हमें रखनी होगी। इसे ठीक से हमें समझना होगा एवं इसके प्रति अनुराग भी होना चाहिए। उन्होंने पेतरशाह मंत्री का उदाहरण देते हुए कहा कि जिनशासन का गौरवशाली इतिहास है कि उन्होंने 32 वर्ष यौवन अवस्था में ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर लिया।
वर्तमान हालात क्या उत्पन्न हो गए कि लव जेहाद जैसी शर्मसार करने वाली घटनाएं हो रही है। एेसी घटनाएं क्यो हो रही है, हमें कोई फिक्र ही नहीं वास्तविकता तो यह है कि हमें धन-दौलत और स्टेटस ऑफ लिविंग कायम रखने से ही फुर्सत नहीं। इतना समय कहा निकालते है जो घर और बच्चों पर निगाह रखी जा सके। आचार्य प्रवर ने कहा कि ऐसी अनहोनी घटनाओं पर अंकुश के दृष्टिगत हमें नई पीढ़ी में बचपन से ही संस्कारों का बीजारोपण एवं धार्मिक संस्कारों को विद्यमान करने का पुरुषार्थ करने की तीव्र आवश्यकता है। दूसरी ओर आचार्य प्रवर के सान्निध्य में गुरूवार को दोपहर दो बजे र|त्रयी उपासना लिखित एवं मौखिक परीक्षा का आयोजन किया गया। इसमें करीब 125 परीक्षार्थियों ने भाग लेते हुए गुरू वंदन, चैत्य वंदन, सामयिक विधि आदि ज्ञान, दर्शन चरित्र आदि की लिखित एवं मौखिक परीक्षा दी। शुक्रवार को आचार्य जितेंद्र सूरि मसा की 9 वीं पुण्यतिथि मनाई जाएगी। इस मौके पर सामूहिक उपवास किए जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। वहीं गुणानुवाद सभा का आयोजन भी होगा।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर