नई दिल्ली : राम मंदिर पर सियासत में उबाल है। विरोधी दल एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस जहां एक तरफ कह रही है कि विकास के मुद्दे पर राजनीति का दावा करने वाली भाजपा का असली चेहरा अब सामने आ रहा है। वहीं भाजपा के अंदर भी कुछ नेताओं को बेचैनी है कि आखिर इस मुद्दे पर सरकार टालमटोल का रवैया क्यों अपना रही है। भाजपा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि राम मंदिर का एजेंडा भाजपा के २०१४ के घोषणापत्र में है।
हम इस मुद्दे से भाग नहीं सकते हैं, जनता के सामने पार्टी को कुछ सार्थक परिणाम दिखाने होंगे। हालांकि स्वामी ने कहा कि वो ये नहीं कह रहे हैं कि सरकार इस मुद्दे पर जबरदस्ती करे। लेकिन हमें समयबद्ध फैसले की ओर जाना ही होगा, लंबे समय तक हम चुपचाप नहीं बैठ सकते हैं।
हीं भाजपा के दूसरे नेता विनय कटियार ने कहा कि अयोध्या में मंदिरों की कमी नहीं है। भगवान राम की जन्मभूमि से १५ किमी दूर रामायण संग्रहालय बनाकर लॉलीपॉप पकडाया जा रहा है। हमें असली मुद्दे पर आना ही होगा।
केंद्र सरकार बनाएगी राम संग्रहालय
केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि भगवान राम आस्था के विषय हैं। सरकार चाहती है कि देश और दुनिया के लोग राम के आदर्शों को समझें और आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने अयोध्या में राम संग्रहालय बनाने का फैसला किया है। संग्रहालय के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। बताया जा रहा है कि करीब २२५ करोड की बजट का इंतजाम किया गया है।यूपी चुनाव के मद्देनजर इस संग्रहालय की स्थापना पर महेश शर्मा ने कहा कि इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं है। यह मोदी सरकार की पर्यटन विकास योजना का हिस्सा है।
यूपी सरकार बनाएगी राम थीम पार्क
यूपी कैबिनेट में फैसला लिया गया है अखिलेश सरकार अयोध्या में इंटरनेशनल थीम पार्क बनाएगी। ये पार्क रामायण की थीम पर बनेगा, जिसमें लाइब्रेरी, मूर्तियां और वाटर फाल होंगे। पार्क में रामायण से जुडे फोटोग्राफ्स लगाए जाएंगे। साथ ही पार्क में रामायण की कहानियों की फिल्में भी दिखाई जाएंगी। ये इंटरनेशनल थीम पार्क करीब २२ करोड की लागत से बनेगा।
बसपा ने क्या कहा ?
इस मामले पर मायावती ने कहा कि चुनाव से पहले केंद्र सरकार को रामायण संग्रहालय और सपा सरकार को रामलीला थीम पार्क बनाने की याद आई है। धर्म को राजनीति और चुनावी लाभ से जोडने की कोशिश निंदनीय है।
संदर्भ : जागरण