इन दंगों के संदर्भ में देश के किसी भी प्रसारमाध्यम ने समाचार नहीं दिया; परंतु अन्य धर्मियोंपर यदि एक पत्थर भी फेंका जाता है, तो उस घटना को अंतरराष्ट्रीय स्तरपर प्रसिद्धी दी जाती है !
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ममता (बानो) के शासनकाल में, बंगाल में हिन्दू असुरक्षित !
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मुसलमान बहुसंख्यक क्षेत्रों से हिन्दुओं का पलायन !
कोलकाता : बंगाल राज्य में मोहरम, दुर्गापूजा एवं दुर्गामाता विसर्जन के समय अनेक गांवों मे सांप्रदायिक दंगे भडकाने में धर्मांधों ने प्रधानता ली !
१. खङ्गपूर के गोलबजार में रात के ९ से १२ बजे तक हुए दंगों में ३ हिन्दुओं को भोंक दिया गया। विसर्जन शोभायात्राओं पर पेट्रोलबम फेंकना, मंदिर, वाहन, घर एवं दुकानों में आग लगाने जैसी हिंसा की अनेक घटनाएं हुईं। दंगोंपर नियंत्रण पाने में पुलिस असफल रहने से रैपिड एक्शन फ़ोर्स को बुलाया गया। शहर की दुकानें एवं कार्यालयें निरंतर ३ दिनोंतक बंद थे। हाजीनगर एवं हलीशहर जैसे मुसलमान बहुसंख्यक क्षेत्रों में रहनेवाले हिन्दुओं ने पलायन करना प्रारंभ किया है !
२.नाहती हाझीनगर क्षेत्र में ताजियों की विसर्जन शोभायात्रा में बमविस्फोट होने के पश्चात वहां सांप्रयायिक दंगे भडक गए। धर्मांधों ने हिन्दुओं के घरों एवं दुकानोंपर आक्रमण कर वहां लूटपाट की। पुलिस को घटनास्थलपर आने ही नहीं दिया गया ! अंततः बडी संख्या में पुलिसकर्मी उपस्थित होनेपर स्थितिपर नियंत्रण पाना संभव हुआ। उत्तर २४ परगणा जिले में स्थित इस गांव में जिहादियों ने भाजपा पार्षद श्री. रवी शंकर सिंह के घरपर आक्रमण किया, साथ ही भाजपा कार्यालय को जला डाला !
३. राज्य में धर्मांधों ने नवरात्रि के १० दिनों में अन्य अनेक गांवों में भी हिंसा के कृत्य किए। उसमें मुर्शिदाबाद जिले के ताल्तली गांव, हावरा जिले के अन्दुल अन्गोरी गांव एवं माणिकपुर बेलटला गांव, हुगळी जिले के चंदननगर उर्दीबजार एवं तेलेनिपरा, पूर्व मेदिनीपुर जिले का कालाबेरिया गांव, पश्चिम मेदिनीपुर जिले के कहादागपुर गोलबजार, मालदा जिले का खराबा एवं रिशिपारा गांव आदि गावों का समावेश है !
४. साथ ही अन्य अनेक गांव में हुए सांप्रदायिक दंगों के समाचारों को शासनद्वारा दबाया जाने के संदर्भ में भी ज्ञात हुआ है !
ऐसी पार्श्वभूमिपर बंगाल के हिन्दुओं ने इसके लिए राज्य शासनद्वारा मुसलमानों का तुष्टीकरण करने की नीति कारणीभूत होने का आरोप लगाकार केंद्र शासन इसमें हस्तक्षेप कर हिन्दुओं को संरक्षण देने की मांग की है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात