हत्या के आरोप में इस्लामी राष्ट्र में मृत्युदण्ड दिया जाता है, किंतु भारत में आरोपी को कुछ ही दिनो में जमानत मिल जाती है, इसलिए यहां गुनहगारों को शिक्षा का कोर्इ भय नहीं रहता – सम्पादक, हिन्दूजागृति
दुबई (रायटर) : सऊदी अरब के शाही खानदान के शहजादे तुर्की बिन सऊद अल कबीर को एक सऊदी नारगरिक की हत्या के जुर्म में मौत की सजा दी गर्इ।
देश की सरकारी संवाद समिति एसपीए ने गृह मंत्रालय के हवाले से बताया कि शहजादे तुर्की बिन सऊद अल कबीर को सऊदी नागरिक आदिल अल-मोहम्मद की गोली मारकर हत्या करने के जुर्म में दोषी करार दिये जाने के बाद कल रियाद में मौत की सजा दे दी गयी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि अल-कबीर को यह सजा कैसे दी गयी।
सऊदी अरब में आमतौर पर तलवार से सिर कलम कर मौत की सजा दी जाती है। गृह मंत्रालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार देश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने और अल्लाह के बनाए बए नियमों को लागू करके लोगों को न्याय दिलाने के लिए तत्पर है। सऊदी अरब में शाही परिवार के किसी सदस्य को मौत की सजा देने की बहुत कम ही घटनाएं हैं। इससे पहले १९७५ में शाही परिवार के फैसल बिन मुसैद अल सऊद को मौत की सजा दी गयी थी उस पर अपने चाचा बादशाह फैसल की हत्या का जुर्म साबित हुआ था।
सऊदी अरब में शाही परिवार में लोगों की संख्या हजारों में है यहां परिवार के सदस्यों को मासिक मानदेय दिया जाता है और सबसे वरिष्ठ शहजादों के पास देश की संपत्ति और राजनीतिक शक्ति की कमान होती है। परिवार के कुछ सदस्य ही राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर आसीन है।
स्त्रोत : पंजाब केसरी