लाखो हिन्दुआें को कश्मीर छोडने की धमकी देनेवाले तथा उनपर अत्याचार करनेवाले हिजबुल मुजहिदीन के इस वक्तव्यपर कौन विश्वास रखेगा ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति
श्रीनगर – १९९० में कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर करने में अहम भूमिका निभाने वाले आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने २६ साल में पहली बार बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद इस आतंकी संगठन के कमांडर बने जाकिर रशीद उर्फ मूसा ने वीडियो संदेश जारी कर पंडितों से वापसी की मांग की है। उसने कहा है, ‘हम कश्मीरी पंडितों से गुजारिश करते हैं कि वे घाटी में अपने घर लौट आएं। हम उनके रक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं।’
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- बता दें कि कश्मीर में १९९० में आतंकवाद शुरू होने के बाद करीब १० लाख पंडितों को अपने घर छोड़ना पड़े थे।
- १९९० में लोकल उर्दू समाचारपत्रों ने हिजबुल का एक संदेश छापा था, जिसमें सभी कश्मीरी पंडितों को तुरंत घाटी छोड़ने की धमकी दी गई थी।
- आतंकी मूसा ने अपने मैसेज में कहा कि कश्मीरी पंडितों को उन पंडितों से सीख लेनी चाहिए जिन्होंने कभी कश्मीर नहीं छोड़ा। उन पंडितों की क्या किसी ने जान ली ?
- उसने यह भी अजीब दावा किया कि मुस्लिमों को टारगेट करने की सोची-समझी साजिश के तहत पंडितों को कश्मीर घाटी से बाहर किया गया था। (मुस्लिमों को टारगेट करने नही, अपितु कश्मीर पर कब्जा कर उसे इस्लामीस्थान करने के लिए हिन्दुआें को भगाया गया था – सम्पादक, हिन्दूजागृति)
स्त्रोत : भास्कर