समिति’ की श्रीमती राजश्री तिवारीकी विशेष शाखाके पुलिसकर्मियोंद्वारा पूछताछ

आश्विन शुद्ध ७, कलियुग वर्ष ५११४

राष्ट्र एवं धर्मका कार्य करनेवालोंकी पूछताछ करने एवं जानकारी निकालनेमें समयका अपव्यय करनेके स्थानपर आरक्षकोंद्वारा यदि जिहादी आतंकवादियोंको ढूंढ निकालनेमें यह शक्ति व्यय की गई होती, तो अबतक देशका आतंकवाद समाप्त हो गया होता ।

  • पुलिसकर्मियोंद्वारा व्यक्तिगत प्रश्न पूछकर किया गया कानूनद्रोह
  • भ्रमणभाषसे छायाचित्र खिंचवानेकी  अशोभनीय मांग

सोलापुर – वर्तमानमें ‘हिंदू जनजागृति समिति’ के जनपद समन्वयकोंकी पुलिसकर्मियोंद्वारा पूछताछ की जा रही है । हालहीमें सोलापुर, बीड एवं धाराशिव जनपदकी  समन्वयक श्रीमती राजश्री तिवारीकी विशेष शाखाके दो पुलिसकर्मियोंद्वारा उनके घर जाकर पूछताछ की गई । ( एक महिलासे पूछताछ करने पुरुष पुलिसकर्मी कैसे जाते हैं ? हिंदु महिलाओं, आपकी पूछताछ करने हेतु पुरुष पुलिसकर्मी आए, तो वैधानिक मार्गसे उनका विरोध करें ! – संकलक ) इस अवसरपर आरक्षकोंद्वारा श्रीमती राजश्री तिवारीके पारिवारिक अर्थाजनके विषयमें पूछताछ की गई । उसीप्रकार पुलिसद्वारा भ्रमणभाषसे उनका छायाचित्र खींचने देनेकी मांग की गई । ( सोलापुर जनपदके सुशीलकुमार शिंदे वर्तमानमें  देशके गृहमंत्री हैं । उनके ही जनपदमें इस प्रकार कानूनद्रोह कर पुलिसकर्मी पूछताछ करते हैं इसका अर्थ दीपक तले अंधेरा ही है ! – संकलक ) पूछताछके समय श्रीमती राजश्री तिवारीने पुलिसकर्मियोंके प्रश्नोंको निश्चितरूपसे एवं दृढतासे उत्तर दिए, जिससे आरक्षकोंको पीछे हटना पडा । ( हिंदुओ, श्रीमती तिवारीकी दृढताका अनुकरण कर पूछताछ करनेवाली पुलिसको स्थिरतासे उत्तर दें ! – संकलक )

श्रीमती तिवारी एवं पुलिसकर्मियोंमें हुआ संभाषण

पुलिसः हम विशेष शाखाकी ओरसे आए हैं । हमें आपकी पूछताछ करनी है । ( हिंदुओ, श्रीमती तिवारीने कोई अपराध नहीं किया है । उनके विरोधमें कोई अपराधकी प्रविष्टि नहीं है । फिर  कानूनकी अनुमति न लेकर पूछताछ करनेवाले  पुलिसकर्मी जनताका समय एवं पैसोंका अपव्यय कर कानूनद्रोह कर रहे हैं  । समितिद्वारा सूचित किया गया है कि ऐसे पुलिसकर्मियोंके विरुद्ध हिंदू जनजागृति समिति महिला अधिकार आयोग एवं मानवाधिकार आयोगमें अपराध प्रविष्ट करनेकी मांग करेगी ! – संकलक ) यह नियमित पूछताछ है । ( इस प्रकार नियमित पूछताछ ना अर्थात क्या श्रीमती तिवारी घोर अपराधी है ? – संकलक ) आप तनाव न आने दें ।  ( जनताको बिना किसी कारणके तनाव देकर ‘आप तनाव न आने’ दें ऐसा कहनेवाली पुलिसको अब जनता ही वैधानिक मार्गसे स्पष्टीकरण मांगे  ? – संकलक ) हम भी हिंदुत्वनिष्ठ हैं । उन  (मुसलमान) लोगोंके मतोंके सामने ये राजनीतिक झुक जाते हैं । अतः कोल्हापुरकी स्थिति अत्यंत दयनीय है । इन लोगोंके दबावके कारण भूतपूर्व  आयुक्तका स्थानांतरण हुआ  है । ( यदि पुलिस इस सत्यको जानती है, तो ऐसे धर्मांधोंके विरूद्ध घुटने क्यों टेकती है ? क्या धर्मांधोंके घर जाकर पुलिस ऐसी पूछताछ करती है ? -संकलक )

पुलिसः आपका शुभनाम क्या है ?

श्रीमती तिवारी : क्या आपका परिचयपत्र दिखाएंगे समें केवल एक पुलिसद्वारा अपना परिचयपत्र दिखाया ।) ( हिंदुओ, स्वयंको पुलिस बताकर परिचयपत्र न दिखानेवायक्तियोंको कोई जानकारी न दें एवं उसके विरुद्ध पुलिसमें परिवाद प्रविष्ट करें । पूछताछके लिए आए सभी आरक्षकोंके परिचय पत्र जांच लें तथा उसकी पूरी प्रविष्टि अपने पास रखें । – संकलक )

श्रीमती तिवारी : आपका शुभनाम क्या है ? ( अपना नाम पूछनेवाले पुलिसकर्मियोंको निश्चित रूपसे प्रथम उनका नाम एवं परिचयपत्रके संदर्भमें पूछनेवाली श्रीमती तिवारीकी दृढताकी प्रशंसा करे उतनी अल्प है । – संकलक ) दोनों पुलिसकर्मियोंने अपने नाम अमर जाधव एवं जोशी ऐसे बताए तथा जाधवने अपना परिचयपत्र दिखाया ।

पुलिस : क्या आप रणरागिणीमें काम करती हैं  ?

श्रीमती तिवारी : हां ! ( रणरागिणीमें रहकर खरे अर्थसे रणरागिनीसमान आचरण करनेवाली श्रीमती तिवारी । – संकलक )

पुलिसः आप कौनसे पदपर नियुक्त हैं ?

श्रीमती तिवारी : समितिमें कोई पद नहीं होता ।

पुलिसः आप कौनसा कार्य करती हैं ?

श्रीमती तिवारी : हमने महिलाओंको एकत्रित करनेका प्रयास किया था; परंतु प्रतिसाद न मिलनेके कारण अब कार्य बंद है ।

पुलिसः देखें, हम हिंदू संगठित नहीं होते; परंतु मुसलमान कोई भी घटना होनेपर  मार्गपर आते हैं ।

( हिंदुओंको संगठित करनेका प्रयास करनेवाली हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंकी पुलिसद्वारा पूछताछ कर उन्हें कष्ट दिया जाता है, जब कि संगठित होकर मार्गपर आनेवाले धर्मांधोंद्वारा पुलिस मार खाती है । अतः बिना कारण पूछताछ कर हिंदुओंको प्रताडित करनेवाली पुलिसको क्या ऐसा लगता है कि हिंदु भी उनके साथ धर्मांधोंके समान आचरण करें । – संकलक )

श्रीमती तिवारीः हां, रजा अकादमीके मोर्चेसे पुलिसकी भी कैसी दयनीय अवस्था हुई ।

पुलिसः क्या सनातन एवं समिति एक ही है ? ( यदि ये पुलिस वास्तवमें हिंदुत्वनिष्ठ होते, तो उन्होंने रजा अकादमीके विषयमें अपना मत व्यक्त किया होता; परंतु रजा अकादमीद्वारा उनपर अत्याचार होनेके पश्चात भी उन्होंने अपना मत व्यक्त नहीं किया । इससे हिंदुओंको ऐसा समझनेमें कोई आपत्ति नहीं कि उन्हें मुसलमानोंद्वारा मार खाना पसंद है । – संकलक)

श्रीमती तिवारीः नहीं, दोनो संस्थाएं अलग अलग हैं । कार्यका स्वरूप भी अलग है ।

पुलिसः मेरे पास (वास्तुछतकी ओर हाथ दिखाते हुए ) ऐसी पट्टियां आदि सब वस्तुएं हैं । हमें भी यह सब अच्छा लगता है । ( कार्यकर्ताओंका विश्वास प्राप्त करनेका पुलिसकर्मियोंका मानसशास्र । – संकलक )

पुलिसः आपके पति क्या करते हैं ? सुना fक उनका व्यवसाय था । कौनसा व्यवसाय करते थे ? ( इससे स्पष्ट होता है कि पुलिसकर्मी श्रीमती तिवारीके विषयमें पूर्वसे ही सब जानकारी एकत्रित कर आए थे । – संकलक )

श्रीमती तिवारीः ‘हार्डवेअर’ एवं ‘सॅनिटरी वेअर’ का व्यवसाय था । अब तो आपको ज्ञात ही होगा कि व्यवसाय करना कठिन हो गया है । इसलिए बंद कर दिया  ।

पुलिसः तो फिर अर्थार्जनका क्या ? ( पुलिसद्वारा कार्यकी पूछताछ करते समय किसी भी व्यक्तिके अर्थाजन जैसे निजी विषयमें पूछताछ करना नियमबाह्य है, इसका भान कार्यकर्ताओंद्वारा पुलिसको करा देना चाहिए । – संकलक )

मैं : मेरे पति ‘दैनिक सनातन प्रभात’ के वितरक हैं एवं थोडी बहुत खेती भी है ।

पुलिस : क्या आपका छायाचित्र है ?

श्रीमती तिवारी : किसलिए ?

पुलिसः आवश्यकता थी ।

श्रीमती तिवारी : नहीं है ।

पुलिस : देखिए, किसी  मासिकमें छपकर आया होगा ।

श्रीमती तिवारी : नहीं है ।

पुलिसः क्या मैं भ्रमणभाषसे खींच सकता हूं ? ( पूछताछ करनेके नामपर अवैधानिक रूपसे किसीके छायाचित्रकी मांग करना कानूनका उल्लंघन है । ऐसे आचरणभ्रष्ट पुलिसकर्मियोके विरुद्ध पुलिस थानेमें जाकर परिवाद प्रविष्ट करें । – संकलक)

श्रीमती तिवारी : नहीं, आप छायाचित्र कैसे ले सकते हैं ?

पुलिसः (हडबडाकर) – ठीक है, ठीक है । ( इससे यही ध्यानमें आता है कि पुलिसको वैधानिक पद्धतिसे फटकारनेपर  वे मौन रहते हैं । – संकलक )

पुलिसः आपका लडका क्या करता है ? बच्चोंका क्या ?

श्रीमती तिवारी : मैंने आपको मेरे कार्यकी जानकारी दी है । बच्चोंकी पूछताछ किसलिए ? ( कोई अपराध न करनेपर तथा किसी अपराधके विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट न होते हुए भी पूछताछ करनेवाली पुलिसको दृढतासे उत्तर देनेवाली श्रीमती तिवारीrका आदर्श सभी हिंदुओंको लेना चाहिए । – संकलक )

पुलिसः ठीक है, कोई बात नहीं । ऐसे ही पूछा था । ( यूं ही पूछा इसका क्या अर्थ है । कोई किसी भी समय किसीकी भी पूछताछ करनेके लिए आता है यह क्या गुड्डा-गुडियाका खेल है ? – संकलक ) निवृत्त होनेपर हमें भी यह कार्य करना है । ( जिन्हें वास्तवमें कार्य करनेकी चाह है, वे कार्य करनेवालोंकी इस प्रकार पूछताछ नहीं करते, अपितु उन्हें उनके कार्यमें सहायता करते हैं ? – संकलक )

आरक्षकोंद्वारा श्रीमती तिवारीके घर आनेसे पूर्व एक दिन पहले रात्रिमें श्रीमती तिवारीके एक हितचिंतकके घर जाकर उनके संदर्भमें पूछताछ की गई थी । हितचिंतकने श्रीमती तिवारीके केवल घरके परिसरकी जानकारी दी थी । ( केवल परिसर बतानेपर आरक्षक घर पहुंच जाते हैं, इसका अर्थ यह कि आरक्षकोंने श्रीमती तिवारीकी पूरी जानकारी एकत्रित की थी ? राष्ट्र एवं धर्मका कार्य करनेवालोंकी पूछताछ करनेवाली एवं जानकारी निकालनेमें समयका अपव्यय करनवाली पुलिसने यदि जिहादी आतंकवादियोंको ढूंढ निकालनेमें यह शक्ति व्यय करे,, तो  देशका आतंकवाद समाप्त हो जाएगा । – संकलक)

पुलिसद्वारा कुछ दिन पूर्व समितिके श्री यशपाल वाडकरसे रणरागिणीके विषयमें पूछताछ की गई थी ।

पुलिसद्वारा पूछताछ करते समय श्रीमती तिवारीको श्रीकृष्णद्वारा की गई सहायता

१. श्रीकृष्णको प्रार्थना करनेपर उसने पूरे प्रसंगमें स्थिर एवं भावावस्थामें रखना : १६.१०.२०१२ की रात्रिमें मुझे एक हितचिंतकसे ज्ञात हुआ कि पुलिस मेरे विषयमें पूछताछ कर रही है । १७.१०.२०१२ के सबेरेसे भगवान श्रीकृष्णजीसे प्रार्थना हो रही थी कि, ‘हे भगवान श्रीकृष्ण, मुझे प्रत्येक स्थितिमें स्थिर रखें ।’। पुलिस आनेसे पूर्व २ घंटे मुझे घरमें कुछ न सूझना, चिडचिडाहट, घरके काम मंद गतिसे होना, घरका काम करनेवाली बाई न आना ऐसे विविध कष्ट हो रहे थे । परंतु जब दरवाजेके समक्ष पुलिस आई, तो एकाएक पूरी स्थिति ही बदल गई । वे क्या प्रश्न पूछेंगे इसका आभास  पूर्वसे ही होने लगा । सभी प्रसंगोंमें ईश्वरने मुझे स्थिर एवं भावावस्थामें रखा था । पूछताछ करते समय पूरा समय ऐसा लग रहा था, मानो भगवान श्रीकृष्ण सामने ही बैठे हैं ।

२. पूछताछके समय श्रीकृष्णजीने एक साधिकाके माध्यमसे आकर बूढे मां-बापका ध्यान रखना : पुलिस पूछताछके लिए आनेके ५ मिनट पूर्व एक साधिका घरपर आई । (प्रत्यक्षमें उसकी आनेकी कोई निश्चिती नहीं थी ।) इसलिए मेरे माता-पिताको सूचना देनेमें मुझे उसकी सहायता मिली । इस समय ऐसा लगा मानों ईश्वरने ही उस साधिकाको हमारी सहायताके लिए भेजा, क्योंकि यदि वह साधिका न आती, तो मेरे बूढे माता-पिताको पुलिसकी पूछताछका सामना करना पडता , जिससे उन्हें तनाव आता । पुलिसके  जानेतक ईश्वरने मेरे माता-पिताको भी स्थिर रखा । तत्पश्चात ज्ञात हुआ कि उन्हें भी कोई तनाव नहीं रहा ।

मुझमें  उतावलेपनका दोष होते हुए भी भगवान श्रीकृष्ण मुझे इस प्रसंगमें स्थिर रखकर सब कृत्य करवा रहे थे । भगवान श्रीकृष्णने ही सब करवा लिया । अतः मैं कृतज्ञ हूं ।

श्रीमती राजश्री तिवारी, सोलापुर (२९.१०.२०१२)

हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंको सूचना

महिला कार्यकताओंकी पूछताछ करनेवाली पुलिसके विरुद्ध आगे दिएनुसार कृत्य कर सकते हैं ।

पुलिस यदि अवैधानिक रूपसे महिला कार्यकताओंकी पूछताछ करती है, तो उस विषयमें कार्यकर्ता तत्काल जनपद न्याय दंडाधिकारीको पत्र भेजना, हिंदुत्वनिष्ठ संगठन एवं पक्षोंके महिला शासकोंको जानकारी देना तथा पत्रकार परिषद लेकर प्रसारमाध्यमोंको जानकारी देना ऐसे कृत्य कर सकते हैं ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

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