नई देहली – जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्छलानंद सरस्वती ने कहा है कि, कंप्यूटर, बाइनरी सिस्टम और उसके आसान गणितीय विधियों का मूल वेद है।
बुधवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित मालवीय हॉल में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वैज्ञानिक नवाचार और प्रौद्योगिकी के अधिक सफल बनाने के लिए रिसर्च में वेद के विज्ञान का प्रयोग करना चाहिए।
शंकराचार्यजी ने कहा कि अथर्ववेद जादुई फार्मूलों का वेद भी माना जाता है जो गणित को आसान बनाने के लिए बना है। आधुनिक कंप्यूटरों के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले बाइनरी सिस्टम और कंप्यूटर पर आधारित बनाए गए उपकरणों का मूल अथर्ववेद हैं। यह शून्य की अवधारणा भी है। उन्होंने कहा कि कठिन से कठिन गणनाएं जिन्हें हल करने के लिए घंटों लगते हैं वो वैदिक गणित की मदद से जल्द ही हल किए जा सकते हैं।
इस दौरान उन्होंने यह दावा भी किया कि फिजिक्स, मैथ्स राजनीति या फिर कोई भी और विज्ञान वैदिक विज्ञान की देन है। उन्होंने कहा कि वेदों में पॉलिटिक्स राजनीति नहीं बल्कि राज्य धर्म होता है जिसमें सुशासन, अच्छा माहौल, अच्छे स्वास्थ्य, कल्याण और न्याय के बारे में दायित्वों का उल्लेख है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण आज की शिक्षण व्यवस्था से गायब है।
स्त्रोत : वन इण्डिया हिन्दी