निजी भूमिपर स्थित किलों को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित करें !
जलगांव के ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा शासन से मांग !
जलगांव : छत्रपति शिवाजी महाराज के २३ किलों का स्वामित्व यदि निजी हो, तो भी कानून के अनुसार उनको राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया जाए; क्योंकि, उनको राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किए जानेपर इन भूमियों के स्वामी इन किलों में कोई बदलाव नहीं कर सकते ! संबंधित किलों को राज्य संरक्षित स्मारक बनाने के संबंध में निर्णय करना पूर्णरूप से मंत्रालय के अधीन है। अतः इस मांग की ओर गंभीरता से ध्यान दिया जाए।
हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रशांत जुवेकर ने यहांपर संपन्न ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ में ऐसा प्रतिपादित किया।
शिवछत्रपतिजी की धरोहर होनेवाले; परंतु निजी लोगों के पास स्वामित्व होनेवाले राज्य में स्थित किलों को राज्य शासन अपने नियंत्रण में लेकर उनको त्वरित संरक्षित स्मारक घोषित करें, देश की सहस्त्रों करोड रूपयों की हानि टालने के लिए पटाखोंपर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए, साथ ही बंगाल राज्य में विगत ४ वर्ष से हिन्दुओं को दुर्गापूजा की अनुमति नकारनेवालोंपर ठोस एवं कठोर कार्रवाई की जाए, इन मांगों को लेकर १५ अक्तूबर को यहां की महानगरपालिका के सामने ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ किया गया।
इस समय आंदोलन में सम्मिलित विविध संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हाथों में निषेध फलक पकडकर अपनी मांगों के संदर्भ में शासन का ध्यान आकर्षित करने हेतू घोषणाएं की तथा जनजागृति भी की !
मान्यवरोंद्वारा व्यक्त किए गए विचार
राष्ट्रपर आर्थिक संकट होते समय पटाखें जलाना देशहित के विरोध में है !- श्री. योगेश पाटिल, मराठखेडा धर्माभिमानी
पटाखे जलाना विदेशी परंपरा है तथा उसका कोई धर्मशास्त्रीय आधार भी नहीं है। इस समय देशपर आर्थिक संकट है, साथ ही देश की करोडो जनता को एक समय का भोजन भी नहीं मिलता; ऐसी स्थिति में पटाखें जलाकर धन का अपव्यय करना देशहित के विरोध में है !
इन पैसों का यदि राष्ट्रकार्य हेतू उपयोग किया गया, तो उससे अनेक समस्याएं दूर की जा सकती हैं। साथ ही इससे पटाखोंद्वारा होनेवाले ध्वनिप्रदूषण एवं वायुप्रदूषण को भी रोका जा सकता है !
बंगाल राज्य में स्थित हिन्दुओं को विगत ४ वर्ष से दुर्गापूजा की अनुमति नकारनेवालोंपर कठोर कार्रवाई करें ! – श्री. दत्तात्रय वाघुळदे, सनातन संस्था
बंगाल के बीरभूम जिले के कांगलापहार गांव में प्रशासनद्वारा कानून-व्यवस्था का बहाना बनाकर दुर्गापूजा के लिए अनुमति नकारी जा रही है। इस गांव में हिन्दुओं के ३०० तथा मुसलमानों के केवल २५ घर होनेपर भी बहुसंख्यक हिन्दुओं को विगत ४ वर्ष से अपनी धार्मिक प्रथाओं का पालन करने के संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा गया है।
अतः इस प्रकरण में केंद्र शासन तुरंत हस्तक्षेप कर हिन्दुओं से न्याय करें, साथ ही दोषियोंपर कठोर कार्रवाई करें !
आंदोलन में रखी गई मांगों को जलगांव जिले के ‘१२ सालदार’ समाज संगठन का पूर्ण समर्थन ! – श्री. किशोर सूर्यवंशी, जिलाध्यक्ष, १२ सालदार समाज संगठन, जलगांव
‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ में रखी गईं सभी मांगों को जलगांव जिले के १२ सालदार समाज संगठन का संपूर्ण समर्थन है। ‘राष्ट्र एवं धर्म’ के विषय में सभी आंदोलनों को संगठन का सदैव समर्थन रहेगा !
क्षणचित्र
१. चिनी पटाखों का बहिष्कार करने के उद्बोधन हेतू एक प्रतिकृति सिद्ध की गई थी। यह प्रतिकृति आंदोलन की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही थी !
२. मार्गपर आनेजानेवाले अनेक नागरिकों ने स्वयंस्फूर्ति के साथ विषय को समझ कर हस्ताक्षरोंद्वारा अपना सहभाग प्रविष्ट किया।
३. अनेक नागरिक आंदोलन का छायाचित्र निकाल रहे थे !
४. महाविद्यालय में जानेवाले २ युवक स्वयंस्फूर्ति के साथ आंदोलन में सम्मिलित हुए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात