हिन्दू जनजागृति समिति तथा समविचारी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा ‘राष्ट्रीय हिन्दु आंदोलन’
अमरावती : छत्रपति शिवाजी महाराज के २३ गडकोट अभी तक निजी रुप में हैं। उन्हें पुरातत्व विभाग ने स्वयं के अधिकार में लेकर सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए, साथ ही चीनद्वारा बनाएं गए पटाखों का उपयोग न करें, इन मांगों को लेकर १८ अक्तूबर को दोपहर ४ से सायंकाल ६ बजे तक यहां के राजकमल चौक में ‘राष्ट्रीय हिन्दु आंदोलन’ का आयोजन किया गया।
उस समय हिन्दु महासभा के श्री. नितीन व्यास संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने यह प्रतिपादित किया कि, ‘वर्तमान में हम नए गड किलों का निर्माण नहीं कर सकते, किंतु जो गड किलें वास्तव में हैं, उनका जतन तो करना चाहिए। गड किलों पर होनेवाली शिवराय की यादें मिटाई जा रही है। ऐसा होते हुए भी पुरातत्व विभाग स्वयं ध्यान देकर उनकी सुरक्षा नहीं करता। अतः हम आंदोलन करने पर विवश हो गए हैं ! यदि ऐसी स्थिति है, तो पुरातत्व विभाग की आवश्यकता ही क्या है ? पुरातत्व विभाग बंद करने का समय आया है !’
इस समय हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, श्री योग वेदांत सेवा समिति, भगवे वादळ इन संगठनों के साथ कुल मिलाकार ४२ कार्यकर्ता उपस्थित थे।
मान्यवरोंद्वारा किया गया मार्गदर्शन . . .
राष्ट्रहित अर्थात सभी का हित ! – श्री. मानव बुद्धदेव, श्री योग वेदांत सेवा समिति
पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापु ने भी पटाखों को विरोध किया है। वह अपनी संस्कृति ही नहीं है; अतः यदि राष्ट्रहित का विचार करेंगे, तो पटाखें नहीं फोड़ने चाहिये !
गड, किलें नष्ट होने के मार्ग पर ! – श्री. अभिषेक दीक्षित, श्री शिवप्रतिष्ठान
छत्रपति शिवराय की धरोहर रह चुके गड एवं किलों की उचित सुरक्षा न करने के कारण आज वे नष्ट होने के मार्ग पर हैं। शासन ने समय पर ही उचित उपाययोजना करनी चाहिए। शत्रुराष्ट्र चीन के वस्तुओं पर बहिष्कार डाल कर उन्हें सीख देनी चाहिए।
क्षणिकाएं
१. तीन स्थानीय केबलप्रणालों ने आंदोलन का चित्रीकरण कर वह प्रसारित किया।
२. हिन्दू जनजागृति समिति के नए कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की सेवा में उत्स्फूर्त रूप से सहभाग लिया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात